Informal Latter Format In Hindi – अनौपचारिक पत्र कैसे लिखे

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Informal Latter Format In Hindi - अनौपचारिक पत्र कैसे लिखे

Informal Latter Format In Hindi – अनौपचारिक पत्र का नाम आपने सुना ही होगा इससे जुड़े सवाल अक्सर परीक्षा में पूछे जाते हैं। जब आप स्कूल या कॉलेज की पढ़ाई कर रहे होते हो। तो चलिए इसी विषय में आज हम जानकारियां प्राप्त करते हैं कि अनौपचारिक पत्र या इनफॉर्मल लेटर क्या होता है और इसे कैसे लिखा जाता हैं।

इनफॉर्मल लेटर लिखने का सही तरीका क्या है तथा पत्र लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए सारी जानकारियां आपको नीचे दी गई हैं।

पत्र किसे कहते हैं।

पत्र का अर्थ होता है। अपने भावनाओं को बातों को यह जानकारी को शब्दों के माध्यम से दूसरे के सामने प्रकट करना ही पत्र कहलाता हैं।

पत्र दो प्रकार के होते हैं।

औपचारिक पत्र
अनौपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र मुख्य रूप से कॉलेज स्कूल ऑफिस और अन्य कारणों से इस्तेमाल किया जाता है। इसे लिखने का एक फॉर्मेट होता है। और इसका उपयोग सही स्थान जहां पर आप कार्य कर रहे हैं। या फॉर्मल स्थान पर किया जाता हैं।

अनौपचारिक पत्र मुख्य रूप से अपने निजी या व्यक्तिगत लोगों को लिखा जाता है। इसमें आप मुख्य रूप से अपने दोस्तों परिवार के सदस्यों को जानकारियां देते हैं। और इसे लिखने का कोई विशेष फॉर्मेट नहीं होता।

अनौपचारिक पत्र किसे कहते हैं? (What is Informal Letter)

आईए विस्तार से समझते हैं :-

अनौपचारिक पत्र हमेशा निजी या व्यक्तिगत लोगों से संबंधित होता है। इसमें खास बात यह होती है कि यह पत्र भाव प्रदर्शित करता है। अर्थात आप इसमें अपने मन की भावनाओं को प्रकट करते हैं। और अपने निजी बातों का उल्लेख करते हैं।

अनौपचारिक पत्र लिखने के लिए किसी भी प्रकार का फॉर्मेट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। आप इसे आसानी से लिख सकते हैं। और इसमें विशेष आपको भाषा का भी ध्यान नहीं रखना होता।

अनौपचारिक पत्र मुख्य रूप से अपने सुख और दुख बातों को अपने सगे संबंधी दोस्त यार प्रिया जैन परिवार के सदस्य जो आपसे दूर रहते हैं। आप उन्हें जनकारिया पत्रों के माध्यम से भेजते हैं।

अनौपचारिक पत्र के प्रकार? (Types of informal letter)

अनौपचारिक पत्र लिखने के कई कारण होते हैं। मुख्य रूप से जब बधाई देना हो या कोई दुख की खबर शेयर करनी हो तब अनौपचारिक पत्र लिखा जाता है। और भी बहुत से कारण है आईए जानते हैं :-

  • बधाई पत्र – Greeting Letter.
  • निमंत्रण पत्र – Invitation Letter.
  • शुभकामना पत्र – Greeting Card.
  • सांत्वना पत्र – Consolation Letter.
  • विशेष अवसरों पर लिखे गये पत्र – Letters written on special Occasions.
  • किसी प्रकार की जानकारी देने हेतु – To give any kind of information.
  • किसी प्रकार की सलाह देने हेतु – To give any kind of advice.

अनौपचारिक पत्र के संबोधन के प्रकार

अनौपचारिक पत्र के संबोधन के प्रकार क्या-क्या होते हैं। आप कौन से शब्दों का इस्तेमाल किसके लिए कर सकते हैं :-

  • पूज्य – पिता जी, माता जी, गुरु जी आदि के लिए।
  • आदरणीय – चाचाजी, मामाजी, भाई साहब, दीदी, भाभी जी आदि के लिए।
  • श्रद्धेय – चाचा जी गुरुवर इत्यादि।
  • प्रिय – भाई, बहन, मित्र इत्यादि के लिए।

अनौपचारिक पत्र लिखने का तरीका

(प्रेषक-लिखने वाले का पता)
………………
दिनांक ……………….,
संबोधन ……………….,
अभिवादन ……………….,
पहला अनुच्छेद ………………., (कुशल-मंगल समाचार)
दूसरा अनुच्छेद ……….., (विषय-वस्तु-जिस बारे में पत्र लिखना है।)
तीसरा अनुच्छेद ……………., (समाप्ति)
प्रापक के साथ प्रेषक का संबंध।
प्रेषक का नाम …………….,

  • पता।
  • दिनांक।
  • संबोधन।
  • अभिवादन।
  • मुख्य विषय।
  • समाप्ति।

पत्र लिखने की शुरुआत में आपको सबसे पहले पत्र भेजने वाले का नाम व पता लिखना होता है।

(वो भी पत्र के बाएं तरफ)

आप पत्र को जिस दिन लिख रहे हैं। उस दिन की तारीख लिखी जाती हैं।

आप जिस व्यक्ति या औरत को यह पत्र लिख रहे हैं। उसके साथ आपका संबंध क्या है। उसके अनुसार आपको संबोधन का प्रयोग करना हैं।

पत्र में संबंध के अनुसार अभिवादन किया जाता है। आप पत्र किसे लिख रहे हैं। उस आधार पर आपको अभिवादन करना है। फिर यह शब्द जैसे पूज्य, आदरणीय, श्रेष्ठ, प्रिया, आदि का इस्तेमाल करना है।

यहां पर आपको मुख्य जानकारियां जो बातें आप बताना चाहते हैं। उसके बारे में संक्षिप्त में जानकारियां देनी होती हैं।

शुरुआत में आपको इस शब्द का इस्तेमाल करना होता है। मैं यहां कुशल मंगल हूं। आशा करता हूं। आप भी वहां कुशल मंगल होंगे। यह आपको शुरुआत में लिखना हैं।

पत्र की समाप्ति में आपको धन्यवाद लिखकर फिर अपनी भी जानकारियां देनी हैं।

Note :-

अनौपचारिक शारीरिक पत्र लिखने का कोई विशेष फॉर्मेट नहीं होता है।

आप अनौपचारिक पत्र कितने भी शब्दों का लिख सकते हैं।

पत्र में आपको किसी भी प्रकार का अप-शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना होता है।

आप अनौपचारिक पत्र में शब्दों का इस्तेमाल अपने आधार पर कर सकते हैं।

अनौपचारिक पत्र का फॉर्मैट

कोकर चौक,

रांची झारखंड।

दिनांक: 16.08.2024

प्रिय मित्र सुरेश कुमार,

सादर नमस्ते,

मैं यहां कुशल-मंगल हूं। और आशा करता हूं। कि तुम भी वहां कुशल होंगे। मै यह पत्र तुम्हें एक गणित के नए अध्यापक के बारे में बताने के लिए लिख रहा हूं। जो कि हमारे विद्यालय में पिछले सप्ताह ही पढ़ाने के लिए आए हैं। उनके पढ़ाने के तरीक़े ने गणित विषय को रोचक और सहज बना दिया है। उनके ट्रिक्स और समझाने के तरीके इतना अच्छा है कि मै क्या बताऊं? मुझे गणित का विषय बहुत टफ लगता था। इम्तिहान में भी इसी विषय में मुझे कम नंबर आते थे। लेकिन लगता इस नए सर के मार्गदर्शन से मै अब से गणित के इम्तिहान में अच्छे नंबर ला पाऊंगा। उनके ज्ञान और सहज व्यक्तित्व से अन्य सभी बच्चे भी बहुत प्रभावित हुए हैं। मैं तुम्हें भी उनके कुछ ट्रिक्स अगले पत्र में साझा करूँगा।

तुम्हारा मित्र

रमन किशोर।

बधाई पत्र लिखने का तरीका

मित्र के भाई को नौकरी मिलने की खुशी में बधाई देने के लिए पत्र।

परीक्षा भवन 
नई दिल्ली
दिनांक : 16 अगस्त, 2024

प्रिय रिया।

सप्रेम नमस्ते!

कैसी हो मित्र? तुमने तो मुझे सूचित नहीं किया लेकिन तुम्हारे मामा जी एक दिन मेरे घर आए थे। वे एक रात मेरे घर पर रुके भी थे। शायद वापस लौटकर जाने के बाद उन्होंने तुम्हें बताया भी होगा।उन्होंने सूचना दी है। कि मुंबई की एक बड़ी कंपनी में तुम्हारे बड़े भाई अमित भैया की नौकरी लग गई है। यह जानकर बहुत खुशी हुई। अमित भैया शुरू से ही परिश्रमी और होनहार थे। उनकी नौकरी लग जाने के बाद अब तुम्हारे परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाएगी। और तुम्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने में कठिनाई नहीं होगी। अमित भैया को मेरी ओर से तथा मेरे मम्मी-पापा की ओर से बधाइयाँ देना।

शेष सब सामान्य है। अपनी माता जी और दीदी को मेरा प्रणाम निवेदित करना। उत्तर की प्रतीक्षा में। 

तुम्हारा अपना
रमन

अनौपचारिक पत्र लिखनें से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातें

अनौपचारिक पत्र लिखते समय यह ध्यान रखना है कि आपको भाषा स्पष्ट और सरल इस्तेमाल करना हैं।

पत्र हमेशा A4 साइज सफेद पेपर में लिखें।

पत्र में किसी भी प्रकार के काटने या चाटने का निशान न लगे।

पत्र में जो बातें लिखी गई है। उनका उल्लेख पूर्ण रूप से किया जाना चाहिए।

पत्र की शुरुआत और अंत प्रभावशाली होना चाहिए।

पत्र में हमेशा प्रिया भाषाओं का इस्तेमाल करना चाहिए।

पत्र के फॉर्मेट के अनुसार आपको दिनांक लिखने के बाद एक पंक्ति छोड़कर आगे लिखना हैं।

पत्र में पता सही लिखना होता है क्योंकि जब आप इसे भेजते हैं तब वह सही स्थान पर पहुंचेगी।

आपका पत्र स्वच्छता पूर्ण होना चाहिए।

निष्कर्ष

यहां पर आपको अनौपचारिक पत्र क्या होता है। अनौपचारिक पत्र लिखने का सही तरीका क्या है। तथा पत्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां बताई गई है। यदि आप अनौपचारिक पत्र लिखने की सोच रहे हैं तो ऊपर दिए गए फॉर्मेट के अनुसार आप आसानी से पत्र लिख सकते हैं। आपको जानकारियां सरल भाषा में समझाई गई हैं।

यदि यह सभी जानकारियां आपके लिए लाभकारी हो तो आने जानकारी के लिए हिंदी उपदेश की पोर्टल पर सर्च करें और जानकारी का लाभ उठाएं।

साथ ही किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो आप कमेंट बॉक्स में अपना सवाल पूछ सकते है।

धन्यवाद…..,

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