Noun ki Definition Kya Hai – आज की इस बदलते समय में हमें हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों का ज्ञान होना अति आवश्यक है हमें बचपन से ही हिंदी भाषा का भरपूर ज्ञान दिया जाता है हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसके माध्यम से हम अपने व्याकरण को सही कर सकते हैं व्याकरण कुछ सही करना अति आवश्यक है जिससे आप स्पष्ट शुद्ध और सरल हिंदी बोल पाते हैं।
हिंदी के कई ऐसे पहलू है जिनके बारे में जानकारी प्राप्त करना अति आवश्यक है तो चलिए आज हम संज्ञा के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं और हिंदी व्याकरण को आसानी से समझते हैं।
संज्ञा (Noun) क्या होता है?
संज्ञा हिंदी व्याकरण का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है जिसके माध्यम से आप वाक्य को एक नया आधार देना सीखते हैं किसी भी व्यक्ति प्राणी जाती भाव गुण क्या स्थान पर संज्ञा का प्रयोग किया जाता हैं।
जब हम शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखते हैं तो हमें कक्षा चार से ही संज्ञा के बारे में जानकारी दी जाती है और हमें सही याद करने को कहा जाता है संज्ञा की परिभाषा आप सभी को याद होगी ही तो आईए जानते हैं –
संज्ञा की परिभाषा क्या है?
संज्ञा = सम् + ज्ञा ।
“सम्” का अर्थ :- सम्यक रूप से या पूर्ण रूप से ।
“ज्ञा” का अर्थ :- ज्ञान करानेवाली इकाई ।
किसी व्यक्ति, वस्तु, जाती, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं संज्ञा का अर्थ नाम होता है क्योंकि संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव, स्थान के नाम को दर्शाती हैं।
संज्ञा के कुछ उदाहरण –
संज्ञा की कुछ विशेष उदाहरण जिनके बारे में आपको जानना अति आवश्यक है कि किस-किस व्यक्ति विशेष के नाम पर संज्ञा का इस्तेमाल होता है किसी वस्तु विशेष की स्थान पर संज्ञा का प्रयोग होता है भाव के स्थान पर और किसी शहर या स्थान के स्थान पर संज्ञा का प्रयोग होता है वह जानकारियां कुछ इस प्रकार है –
- व्यक्ति विशेष का नाम – रामा, सरिता, श्वेता, मोहन, सुरेश, शारदा, नेहा, रमन।
- वस्तु का नाम – अलमारी, पेन, मोबाइल, चारपाई, बैग, कपड़े, जेवर।
- भाव का नाम – दया, करुणा, गुस्सा, प्रेम, आश्चर्य, क्रोध, प्रेम।
- स्थान का नाम – दिल्ली, मुंबई, जयपुर, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश।
उदाहरण–: सीता (व्यक्ति), आगरा (स्थान), घड़ी (वस्तु), सोना (क्रिया), क्रोधित (भाव) आदि। ये दिए गए सभी नाम संज्ञा है। जिसके कारण हमें किसी के बारे में जानकारी मिलती है।
1- ताजमहल आगरा में स्थित है।
इस वाक्य में आगरा किसी स्थान का नाम है। इसलिए यह संज्ञा है
2- मोहन ने घड़ी को मेज पर रख दिया।
इस वाक्य में मोहन (किसी व्यक्ति का नाम), घड़ी (वस्तु), और मेज (वस्तु) संज्ञा का बोध करवाते है।
संज्ञा वाक्य के कुछ उदाहरण
संज्ञा वाक्य के उदाहरण कुछ इस प्रकार है। यहां पर जिस जिस शब्द को गहरी काले रंग से दर्शाया गया है वह संज्ञा है –
- राम एक बुद्धिमान बालक है।
- यह किताब उसकी है।
- पीतल के बर्तन में खाना बनाओ।
- मैं उस से प्रेम करता हूं।
- टेबल पर अंगूर का गुच्छा पड़ा है।
- राम और श्याम अच्छे मित्र हैं।
- उसने सोने की अंगूठी पहन रखी है।
- जयपुर राजस्थान की राजधानी है।
- मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।
- राधा एक सुंदर लड़की है।
संज्ञा कितने प्रकार के होते हैं?
संज्ञा के कुल पांच भेद होते हैं। चलिए इन पांच वेदों को विस्तार से समझते हैं ताकि आपको इसे समझने में आसानी हो –
व्यक्तिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा | जातिवाचक संज्ञा | द्रव्यवाचक संज्ञा | समूहवाचक संज्ञा |
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा
जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति वस्तु स्थान प्राणी आदि के नाम का बोध हो उसे व्यक्ति वाचक संज्ञा कहते हैं।
इसमें मुख्य रूप से व्यक्तियों के नाम, वस्तुओं के नाम, दिशाओं के नाम, समुद्रों के नाम, पुस्तकों के नाम, देश के नाम, पर्वतों के नाम, समाचार पत्रों के नाम आदि शामिल होते हैं।
उदाहरण – सीता गाना गाने जा रही हैं।
( इस वाक्य में मुख्य रूप से सीता के बारे में जानकारी दी जा रही है वह एक व्यक्ति है इसलिए इसे व्यक्तिवाचक संज्ञा का नाम दिया जाएगा)
जैसे – जयपुर, दिल्ली, भारत, रामायण, अमेरिका, राम, श्याम, अफ्रीका इत्यादि।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण
- सुमन अच्छा नृत्य करती है।
- राजू अच्छा गाना गाता है।
- राम का हंस भाग गया।
- मेरे चाचा विदेश घूमने गए।
- हमारे देश का नेता कुशल होना चाहिए।
- गीता दिल्ली घूमने गई है।
- मोहन स्कूल जा रहा है।
भाववाचक संज्ञा
भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं ऐसी संज्ञा जिसके अंतर्गत आप विभिन्न प्रकार के भाव का अध्ययन करते हैं इसमें मुख्य रूप से भाव को दर्शाया जाता हैं।
जिस संज्ञा शब्द से किसी गुण, दोष, भाव अथवा दशा का बोध होता है उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
हमारे अंदर मुख्य रूप से कई भाव होते हैं प्रेम, सम्मान, खुशी, लालच, क्रोध, आश्चर्य।
भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun in Hindi)
जिन शब्दों से किसी प्राणी या पदार्थ के गुण भाव स्वभाव की अवस्था का बोध होता है, उन्हें भाववाचक sangya कहते हैं। जैसे मिठास, बुढ़ापा, गरीबी, आजादी, साहस, वीरता, आदि। यहाँ ये शब्द भाव पूर्ण अवस्था तथा क्रिया के व्यापार का बोध करा रहे हैं इसलिए यह भाववाचक sangya है।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण
बचपन, जवानी, बुढ़ापा, भला , महता, सुन्दरता, मदुर्ता ,सत्य, कोमलता आदि।
- उत्साह मन का भाव है।
- ईमानदारी से गुण का बोध होता है।
- बचपन जीवनी एक अवस्था या दशा बताता है।
Q.1) इस आम में ……मिठास…. अधिक है।
Q.2) दही में ……खटास….. कम है।
Q.3) कड़ाई में ……चिकनाहट……. अधिक है।
Q.4) प्रत्येक व्यक्ति को अपना ……बचपन… याद आता है।
Q.5) राम में …अहंकार … है।
1- मुझे गरम पानी पीना है।
इस वाक्य में पानी के गुण और धर्म (गरम) का बोध हो रहा है, इसलिए इस वाक्य में भाववाचक संज्ञा है।
2- अंगूर मीठे है।
इस वाक्य में लड्डू के धर्म(मीठे) का बोध हो रहा है, इसलिए इस वाक्य में भाववाचक संज्ञा है।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण
- आज मुझे उस पर बहुत क्रोध आया।
- नेहा की इमानदारी मुझे बहुत पसंद आती है।
- बचपन मैं हमें बहुत सारे खिलौने मिल जाते हैं।
- मेरी दादी ने मुझे सिखाया है कि लालच करना बुरी बात है।
- व्यक्ति चाहे छोटा हो या बड़ा हमें उनमे से बराबरी से सम्मान देना चाहिए।
भाववाचक संज्ञा बनाना
भाववाचक संज्ञा का निर्माण करने के लिए सर्वनाम , जातिवाचक संज्ञा, विशेषण, क्रिया शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, शब्दों के अंत में पन , त्वं का आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है। भाववाचक संज्ञाओं की रचना मुख्य पाँच प्रकार के शब्दों से होती है :
- जातिवाचक से
- सर्वनाम से
- विशेषण से
- क्रिया से
- अव्यय से
- जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
पशु | पशुता |
पात्र | पात्रता |
बच्चा | बचपन |
नारी | नारीत्व |
2. विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
एक | एकता |
खट्टा | खटाई |
मोटा | मोटापा |
पागल | पागलपन |
3. क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना
क्रिया | भाववाचक संज्ञा |
खोजना | खोज |
पीटना | पिटाई |
बुलाना | बुलावा |
कूदना | कूद |
4. संज्ञा से विशेषण बनाना
संज्ञा | विशेषण |
काम | कामिनी |
कमाई | कमाऊ |
चाचा | चचेरा |
देश | देशी |
5. क्रिया से विशेषण बनाना
क्रिया | विशेषण |
लूटना | लूटेरा |
पालना | पालतू |
भुलना | भुलक्कड़ |
देखना | दिखाऊ |
6. सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
अपना | अपनापन |
मम् | ममता |
सर्व | सर्वस्व |
आप | आपा |
7. क्रिया विशेषण से भाववाचक
क्रिया विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
मन्द | मन्दी |
दूर | दूरी |
तीव्र | तीव्रता |
शीघ्र | शीघ्रता |
8. अव्यय से भाववाचक
अव्यय | भाववाचक संज्ञा |
समीप | सामीप्य |
शाबाश | शाबाशी |
वाह वाह | वाह वाही |
धिक | धिक्कार |
जातिवाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा जिसके माध्यम से किसी विशेष व्यक्ति स्थान या वस्तु का बोध होता हो इसे हम जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत पशु पक्षी व्यक्ति देश-विदेश नदियां जिले महासागर सागर इत्यादि नाम आ सकते हैं।
सरल भाषा में समझा जाए तो किसी प्राणी या वस्तु की समझ जाती का बोध होता है उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – घोड़ा, फूल, मनुष्य, वृक्ष आदि।
जातिवाचक संज्ञा के दो भेद
द्रववाचक संज्ञा
समूहवाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण
- लड़का कहने से सभी लड़कों का बोध होता है।
- वस्तु से सभी प्रकार की वस्तु का बोध होता है।
- नदी से गंगा, यमुना, सरस्वती आदि सभी नदियों का बोध होता है।
- मनुष्य कहने से संसार की मनुष्य जाति का बोध होता है।
- बच्चे खिलौनों से खेल रहे हैं।
- पेड़ों पर पक्षी बैठे हैं।
- हिरण का शेर शिकार करता हैं।
- सड़क पर गाड़ियाँ चलती हैं।
1-हमारे देश में अनेक पर्वत है।
इस वाक्य में पर्वत से उसकी पूरी जाति व वर्ग का ज्ञान हो रहा है, इसलिए यह जातिवाचक संज्ञा है।
2-हमारे बगीचे में पेड़ लगे हुए है।
इस वाक्य में पेड़ से सारी जाति और वर्ग का बोध होता है, इसलिए यह जातिवाचक संज्ञा है।
द्रव्यवाचक संज्ञा
किसी भी प्रकार के द्रव पदार्थ धातु या धातु को इंगित करने वाले शब्दों को द्रव वाचक संज्ञा कहते हैं अलग-अलग होती हैं। जैसे – पानी, लोहा, तेल, घी, दाल आदि।
द्रववाचक संज्ञा की कुछ अवस्था के नाम –
- ठोस अवस्था हेतु – सोना, चांदी, लोहा
- द्रव अवस्था हेतु – पानी, दूध, शरबत
- गैस अवस्था हेतु – ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण
- मुझे शरबत पीना बहुत अच्छा लगता है।
- कभी कभी रात में सोने के पहले गाय का दूध पीना अच्छा होता है।
- कुछ प्रमुख गैस से हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक होती है।
- समय के साथ साथ जेवर बनाने हेतु सोने की बिक्री भी तेजी से होती है।
- बारिश के मौसम में लोहे में जंग लगना आसान हो जाता है।
- गाय का दूध अत्यंत पौष्टिक होता है।
- लोहे से बने औजार बहुत मजबूत होते हैं।
- जल ही जीवन है।
1- नदियों में पानी बहता है।
इस वाक्य में पानी के बहने अर्थात द्रव्य का बोध हो रहा है। इसलिए इस वाक्य में द्रव्यवाचक संज्ञा है।
2- गाड़ी में एक लीटर पेट्रोल डलवा देना।
इस वाक्य में पेट्रोल के नाप तोल का बोध हो रहा है, इसलिए इस वाक्य में द्रव्यवाचक संज्ञा है
कुछ सवाल और उत्तर
Q.1) राम खेल रहा है।
a) राम
b) खेल
c) रहा है
Q.2) वह आगरा में रहता है।
a) वह
b) आगरा
c) रहता है
Q.3) बुढ़ापा किसी को अच्छा नहीं लगता।
a) बुढ़ापा
b) किसी को
c) अच्छा नहीं लगता
Q.4) वह पुस्तक पढ़ती है।
a) वह
b) पुस्तक
c) पढ़ती है
समूहवाचक संज्ञा
यदि किसी स्थान पर काफी संख्या में व्यक्ति मानव पशु पक्षी या कोई वस्तु एकत्र हो उसे इस समूह कहा जाता है और इस समूह को इस नाम से पुकारा जाता है उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
समूहवाचक संज्ञा का उपयोग मुख्य रूप से शब्दों के माध्यम से किया जाता है जहां पर विस्तृत आधार देने की बात आती है।
जैसे – बाजार, घर , परिवार, मेला, झुण्ड , वर्ग , खानदान, टीम, सेना, कक्षा, आदि |
समूहवाचक संज्ञा का उदाहरण
- आज हम लोग धुलाई करने का कार्य करेंगे।
- बकरियों का समूह घास चरने जा रहा है।
- इस कमरे की सारे कुर्सियों को दूसरे कमरे में रख दो।
- आज सभी विद्यार्थियों को खेलने का समय चाहिए।
1- भारतीय सेना देश की रक्षा करती है।
इस वाक्य में सेना से पूरे समूह का बोध होता है, इसलिए इस वाक्य में समूहवाचक संज्ञा है।
2- सभी खिलाड़ियों ने मिलकर एक टीम बना ली है।
इस वाक्य में टीम से खिलाड़ियों के समूह का बोध होता है, इसलिए इस वाक्य में समूहवाचक संज्ञा है।
उत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के भेद
उत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के तीन भेद हैं।
रूढ़ संज्ञा
योगिक संज्ञा
योगरूढ़ संज्ञा
निष्कर्ष
ऊपर दिए गए लेख में आपने सीखा संज्ञा किसे कहते हैं संज्ञा की परिभाषाएं क्या है संज्ञा के कितने भेद होते हैं संज्ञा का उपयोग कहां-कहां किया जाता है साथ ही आपको अन्य जानकारियां सरल भाषा में समझाई गई है प्रत्येक संज्ञा के भेद के आपको उदाहरण दिए गए हैं ताकि आपको समझने में आसानी हो
यदि यह सभी जानकारियां आपके लिए लाभकारी हो तो अन्य जानकारी के लिए हिंदी उपदेश की पोर्टल पर जरूर सर्च करें और अपने ज्ञान के स्तर को बढ़ाएं।