Rashtriya Swayamsevak Sangh – आरएसएस को राष्ट्रीय सेवक संघ के नाम से भी जाना जाता है इस संगठन को हिंदू समाज के लोगों अथवा हिंदुत्व के हितों के लिए बनाया गया है इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सनातन धर्म के बारे में पूरी जानकारी देने के साथ उन्हें जागरूक करना है और इस धर्म के साथ जोड़ना है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएससी के रूप में भारत का एक हिंदू राष्ट्रवादी अर्ध सैनिक दक्षिणपंथी स्वयंसेवक संगठन है जो भारत के सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी का व्यापक रूप से पत्रक संगठन माना जाता है।
आपको पता है संघ परिवार कई हिंदू राष्ट्रवादी संगठन भी शामिल है इसके साथ ही या सॉन्ग देश में किसी भी प्रकार की संकटकालीन स्थिति आने पर दूसरों की सहायता करते हैं यह इनका मुख्य लक्ष्य है यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आप आरएसएस अर्थात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सदस्य कैसे बन सकते हैं और आप बनना चाहते हैं तो आपको क्या करना चाहिए आप इसके लिए रजिस्ट्रेशन कैसे कर सकते हैं पूरी जानकारियां आपके साथ यहां पर शाहजहां की गई है बस आपके यहां दिए गए जानकारी को ध्यान से पढ़ना है और उनका लाभ उठाना है।
आरएसएस क्या है – RSS Kya Hai in Hindi
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा शक्तिशाली संगठन माना जाता है इस संघ का मुख्य उद्देश्य भारत को विश्व शक्ति और परम वैभव बनाना है इस संघ का निर्माण खोए हुए संस्कार और बच्चों को हिंदू संस्कार देना है।
इसके अंतर्गत अनेक संगठन शामिल है उनके नाम कुछ इस प्रकार है यह नाम आपने अक्सर सुने होंगे भारतीय जनता पार्टी बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मजदूर संघ आदि।
यह सभी संघ के द्वारा बहुत सारी बड़ी संख्या में स्कूल और कॉलेज का संचालन भी किया जाता है।
जब आरएसएस को संगठित किया गया था उसे समय इसमें शामिल लोगों की संख्या केवल सतारा थी वर्तमान समय में कई लोग इस संघ में जुड़ गए हैं।
वर्तमान समय में यदि हम बात करें कि आरएसएस संगठन में कितने लोग शामिल है तो इनकी संख्या करोड़ों से भी अधिक है।
संपूर्ण विश्व के 50 से अधिक देशों में यह सक्रिय है।
यदि शाखों की बात करें तो लगभग दैनिक 55,568 और 13847 साप्ताहिक मंडल है 9000 मासिक शाखाएं भी हैं।
सनी की शाखों को नियमित रूप से प्रतिदिन आने वाले स्वास्थ्य सेवकों की संख्या 50 लाख से अत्यधिक है।
यहां की सबसे खास बात यह है कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आने पर सभी धर्म के लोगों को बढ़-चढ़कर मदद की जाती हैं।
इस संगठन में सभी लोगों को समान रूप से मदद किया जाता है उनकी परेशानियों का समाधान किया जाता है।
Rashtriya Swayamsevak Sangh आरएसएस प्रचारक लिस्ट – Promotional List
क्रम स० | नाम | वर्ष |
1. | डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार | 1925 से 1940 |
2. | माधव सदाशिवराव गोलवलकर | 1940 से 1973 |
3. | मधुकर दत्तात्रय देवरस | 1973 से 1993 |
4. | प्रोफ़ेसर राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया | 1993 से 2000 |
5. | कृपाहल्ली सीतारमैया सुदर्शन | 2000 से 2009 |
6. | डॉ॰ मोहनराव मधुकरराव भागवत | 2009 से अब तक |
rashtriya swayamsevak sangh history – आरएसएस का इतिहास
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर सन् १९२५ में विजयादशमी के दिन डॉ॰ केशव हेडगेवार द्वारा की गयी थी। सबसे पहले ५० वर्ष बाद १९७५ में जब आपातकाल की घोषणा हुई तो तत्कालीन जनसंघ पर भी संघ के साथ प्रतिबंध लगा दिया गया।
दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन अर्थात RSS की स्थापना केशव राम बलिराम हेडगेवार के द्वारा हुआ हेड गवर का जन्म 1889 ईस्वी में हुआ था यह पैसे से एक डॉक्टर थे।
हेडगियर बचपन से ही अंग्रेजी द्वारा किए जाने वाले अत्याचार के प्रति आक्रोश और अपने देश के लिए आगे बढ़कर कुछ करने का 10 बार रखते थे केशव जी दामोदर सावरकर के हिंदुत्व से बहुत ही प्रभावित थे।
उन्हें एक दिन यह एहसास हुआ कि एक ऐसी संस्था होनी चाहिए जो समाज के सभी वर्गों को जोड़कर एक सशक्त समाज का निर्माण कर सके।
इसी सोच में हिट गवार जीने नागपुर में 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के शुभ दिन पर कुछ युवाओं को एकत्रित कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संख्या स्थापना की।
इसके बाद प्रतिदिन नियमित रूप से शाखा लगाने लगी जिसमें प्रार्थना खेल जैसी गतिविधियों होने लगी।
लोगों को यह सभी चीज काफी पसंद आने लगी और धीरे-धीरे या शाखाएं पूरे शहर और पूरे देश में फैल गई।
आज के इस वर्तमान समय में देश के प्रत्येक राज्य और शहर में संघ का प्रभाव देखा जा सकता है।
इसमें लोगों को कई प्रकार की सेवाएं दी जाती हैं लोगों का विकास किया जाता है।
आरएसएस ज्वाइन कैसे करें?
हमारे देश के बहुत से युवाएं ऐसे हैं जो आरएसएस जॉइन करना चाहते हैं और इस राष्ट्रीय सेवक संघ के सदस्य बनना चाहते हैं और कार्यों को करना चाहते हैं यदि आप भी ज्वाइन करना चाहते हैं तो नीचे बताया गया स्टेप्स को ध्यानपूर्वक पढ़े और आप आसानी से इस संगठन का हिस्सा बन सकते हैं।
RSS की ऑफिसियल वेबसाइट, https://www.rss.org/ पर विजिट करे। |
इसके बाद आपको ‘Join RSS’ बटन पर क्लिक करे। |
अब आरएसएस ज्वाइन करने का फॉर्म ओपन हो जाएगा। |
दिए गए फॉर्म में आपको अपनी जानकारी भरनी होती है। |
फॉर्म को पूरा भरने के बाद नीचे दिए गए सबमिट के बटन पर क्लिक करें और इस तरीके से आप आवेदन कर सकते हैं। |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य क्या है?
क्या आपको पता है आरएसएस वर्तमान समय में भारत का सबसे बड़ा संगठन कहा जाता है उनके मुख्य उद्देश्य क्या है लिए उनके बारे में चर्चा करते हैं –
स्वयं सेवी संगठन का मुख्य उद्देश्य सनातन संस्कृति के मूल्यों को बनाए रखना है।
भारत देश को समृद्धि साली बनाए रखने के साथ-साथ राष्ट्रीय वादी व्यक्तित्व का निर्माण करना है।
समाज में व्यापक उच्च नीच व जाति भेद वर्ग भेद को समाप्त करना।
हमारे समाज में सभी लोगों को समान अधिकार नहीं दिया जाता उन्हें जाति धर्म के आधार पर उच्च नीच किया जाता है इस भेद को समाप्त करना इनका मुख्य उद्देश्य है।
किसी भी आपदाओं का सामना करने के लिए सदैव तैयार रहना।
सनातन समाज को संगठित कर देश की प्रगति के उच्च शिखर पर ले जाना।
देश को प्रगति के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए विशेष कार्य करना।
बहुत सी परेशानियां जैसे प्राकृतिक आपदा विपत्ति वह बिन बुलाए आ जाती हैं इनका सामना करना।
जितने भी लोग आर्थिक और शारीरिक रूप से कमजोर हैं उनकी मदद करना।
सभी लोगों के बीच प्रेम भाव उत्पन्न करना।
ऐसे नाम पड़ा आरएसएस
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या नाम अस्तित्व में आने से पहले बहुत विचार मंथन किया गया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जरिपटका मंडल और भारतोद्वारक मंडल इन तीन नाम पर विचार हुआ।
इसके लिए वोटिंग की गई बैठक हुई बैठक में मौजूद 26 सदस्यों में से 20 सदस्यों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अपना मत दिया जिसके बाद यह नाम अस्तित्व में आया।
मूल विश्वास और मिशन
- हिंदुत्व: यह विश्वास कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है, और हिंदू संस्कृति और परंपरा सभी भारतीय जीवन का आधार होनी चाहिए। इस प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सही मायने में हिंदू स्वयंसेवकों से बना एक हिंदू स्वयंसेवक संघ है।
- राष्ट्रवाद: भारतीय एकता के महत्व और भारत की सीमाओं की रक्षा की आवश्यकता में विश्वास।
- सामाजिक एकता: यह विश्वास कि सभी हिंदू लोगों को समान माना जाना चाहिए और जाति की परवाह किए बिना उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
- आत्मनिर्भरता: राष्ट्र को बेहतर बनाने के लिए व्यक्तिगत प्रयास और जिम्मेदारी के महत्व में विश्वास।
- स्वदेशी: भारतीय निर्मित उत्पादों को समर्थन देने की आवश्यकता और भारतीय उद्योगों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता में विश्वास।
rashtriya swayamsevak sangh founder
डा° केशव राव बलीराम हेडगेवार (मराठी: डॉ॰ केशव बळीराम हेडगेवार; जन्म : 1 अप्रैल 1889 – मृत्यु : 21 जून 1940
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक थे। इनका जन्म नागपुर के एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हिन्दू वर्ष प्रतिपदा के दिन हुआ था।
वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक थे बचपन से ही क्रांतिकारी प्रवृति के थे और उन्हें अंग्रेज शासको से घृणा थी।
अभी विद्यालय में ही पढ़ते थे कि अंग्रेज इंस्पेक्टर के स्कूल में निरिक्षण के लिए आने पर केशव राव ने अपने कुछ सहपाठियों के साथ उनका “वन्दे मातरम्” जयघोष से स्वागत किया जिस पर वह बिफर गया और उसके आदेश पर केशव राव को स्कूल से निकाल दिया गया।
तब उन्होंने मैट्रिक तक अपनी पढाई पूना के नेशनल स्कूल में पूरी की।
1910 में जब डॉक्टरी की पढाई के लिए कोलकाता गये तो उस समय वहा देश की नामी क्रांतिकारी संस्था अनुशीलन समिति से जुड़ गए।
1915 में नागपुर लौटने पर वह कांग्रेस में सक्रिय हो गये और कुछ समय में विदर्भ प्रांतीय कांग्रेस के सचिव बन गये।
1920 में जब नागपुर में कांग्रेस का देश स्तरीय अधिवेशन हुआ तो डॉ॰ केशव राव बलीराम हेडगेवार ने कांग्रेस में पहली बार पूर्ण स्वतंत्रता को लक्ष्य बनाने के बारे में प्रस्ताव प्रस्तुत किया तो तब पारित नही किया गया।
1921 में कांग्रेस के असहयोग आन्दोलन में सत्याग्रह कर गिरफ्तारी दी और उन्हें एक वर्ष की जेल हुई। तब तक वह इतने लोकप्रिय हो चुके थे कि उनकी रिहाई पर उनके स्वागत के लिए आयोजित सभा को पंडित मोतीलाल नेहरु और हकीम अजमल खा जैसे दिग्गजों ने संबोधित किया।
rashtriya swayamsevak sangh logo
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवक संघ का अपना एक ध्वज है इसका मूल अर्थ भाव को दर्शाने के लिए संपूर्ण लोगों का प्रयास किया गया है
क्या आपने कभी आरएसएस का लोगो देखा है तो आपको उसका चित्र नीचे दिया गया है।
निष्कर्ष
हमने यहां पर जाना आरएसएस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्या है यदि हम इसमें ज्वाइन होना चाहते हैं तो हम इसके लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं सारी जानकारियां आपके साथ साझा की गई है आवेदन प्रक्रियाओं के बारे में भी विशेष बताया गया है।
यदि यह सभी जानकारियां आपके लिए लाभकारी हो तो अन्य जानकारी के लिए हिंदी उपदेश की पोर्टल पर जरूर सर्च करें धन्यवाद।
FAQ
आरएसएस (RSS) ज्वाइन कैसे करे?
RSS की ऑफिसियल वेबसाइट, https://www.rss.org/ पर विजिट करना होता है।
आरएसएस की स्थापना किसने की?
आरएसएस की स्थापना का श्रेय केशवराम बलिराम हेडगेवार को जाता हैं।
आरएसएस की स्थापना कब हुई?
हेडगेवार जी नें नागपुर में 27 सितम्बर 1925 को विजयादशमी के शुभदिन पर कुछ युवाओं को एकत्र कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की।