Janam Kundli Kaise Dekhe – मुख्य रूप से जन्म कुंडली हिंदू धर्म में बनाई जाती है जब एक बच्चे का जन्म होता है तो जैन का समय स्थान आदि सभी बातों को ध्यान में रखकर एक कुंडली बनाई जाती है जिसे के उसे बच्चे का जन्म कुंडली कहा जाता है इसमें सारी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं जो समय-समय पर आपके भाग्य से जुड़ी जानकारी को प्राप्त करने के लिए जरूरी होती है।
जन्म कुंडली मुख्य रूप से ज्योतिष के पास जाकर बनवाया जाता है कुंडली हम स्वयं देख समझ या पढ़ नहीं सकते इसे पढ़ने के लिए ज्योतिष की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें बहुत सारे नियम होते हैं और इसमें कुछ जानकारियां लिखी नहीं होती नक्षत्र के हिसाब से आपको इस पढ़ना होता है।
मेरी कुंडली में क्या लिखा है – यदि आप अपनी जन्म कुंडली स्वयं देखना चाहते हैं समझना चाहते हैं तो यहां आपको जन्म कुंडली देखने का सही तरीका विस्तृत रूप से बताया गया है इसके लिए आपको पोस्ट को पूरा पढ़ना होगा और जानकारी का लाभ उठाना होगा।
जन्म कुंडली क्या होती है आईए जानते हैं
जन्म कुंडली जन्म पत्रिका दोनों एक ही चीज होती हैं इसका अर्थ होता है कि यदि किसी बच्चे या बच्ची का जन्म होता है तो जन्म के समय ग्रहों की स्थिति कुल नौ ग्रहों और 12 राशियों का उसे बच्चों की जन्म के समय क्या प्रभाव पड़ता है यह सारी जानकारियां जन्म कुंडली में दी जाती है।
दी गई जानकारी से बच्चों के आने वाले भविष्य का हिसाब लगाया जाता है और प्रत्येक बड़े-बड़े कार्यो के लिए जन्म कुंडली की मांग की जाती है और सही मुहूर्त निकाला जाता है जिससे उसे बच्चों के कार्यों में कोई भी परेशानी ना हो।
जन्म कुंडली देखना सीखे
क्या आप भी अपनी जन्म कुंडली खुद से देखना चाहते हैं अपने ग्रहों और नक्षत्र को समझना चाहते हैं तो यहां पर आपको जन्म कुंडली से जुड़ी कुछ जानकारियां बताई गई है जन्म कुंडली बनाने के लिए 12 खानों का निर्माण किया जाता है इन्हें ज्योतिष भाषा में भाव के नाम से जाना जाता है किसी भी बच्चे की जन्म कुंडली तैयार करने के लिए 12 राशियों का प्रयोग किया जाता है प्रत्येक राशियों के लिए अलग-अलग भाव होते हैं हर एक भाव में एक राष्ट्रीय आती है इसलिए जन्म कुंडली की सहायता से व्यक्ति के भूतकाल भविष्य काल और वर्तमान तीनों के बारे में जानकारियां प्राप्त की जाती हैं कुंडली के माध्यम से राशियों और नक्षत्र में होने वाले ग्रहों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।
जन्म कुंडली आप ऑनलाइन भी देख सकते हैं।
ग्रहों की जानकारियां
कुल नौ ग्रह होते हैं कुंडली में यह सभी ग्रहों को अंकों के हिसाब से दर्शाया जाता है –
- सूर्य ग्रह
- चन्द्र ग्रह
- मंगल ग्रह
- बुध ग्रह
- बृहस्पति ग्रह
- शुक्र ग्रह
- शनि ग्रह
- राहू ग्रह
- केतु ग्रह
ग्रह | उच्च चिन्ह | दुर्बल चिन्ह | खुद का चिन्ह |
सूर्य | मेष | तुला | सिंह |
चाँद | वृषभ | वृश्चिक | कर्क |
मंगल | मकर | कर्क | मेष, वृश्चिक |
बुध | कन्या | मीन | मिथुन, कन्या |
बृहस्पति | कर्क | मकर | धनु, मीन |
शुक्र | मीन | कन्या | वृषभ, तुला |
शनि | तुला | मेष | मकर, कुम्भ |
राहु | धनु | मिथुन | |
केतु | मिथुन | धनु |
किसी भी कुंडली में ग्रहों को एक से 12 अंकों और घरों को रोमन संख्या I से XII द्वारा दर्शाया जाता है प्रत्येक नंबर के लिए अलग-अलग ग्रह होते हैं तो आईए जानते हैं।
- मेष राशि को नंबर 1 से।
- वृषभ राशि को 2 अंक से।
- मिथुन राशि को 3 अंक से।
- कर्क राशि को 4 अंक से।
- सिंह को 5 अंक से।
- कन्या राशि को 6 अंक से।
- तुला राशि को 7 अंक से।
- वृश्चिक को 8 अंक ।
- धनु राशि को 9 अंक।
- मकर राशि को 10 अंक।
- कुंभ राशि को 11 अंक से।
- मीन राशि को 12 अंक से।
कुंडली के भाव की जानकारी
- प्रथम भाव
- द्वितीय भाव
- तृ्तीय भाव
- चतुर्थ भाव
- पंचम भाव
- षष्ठ भाव
- सप्तम भाव
- अष्टम भाव
- नवम भाव
- दशम भाव
- एकादश भाव
- द्वादश भाव
भाव क्या दर्शाता है?
- प्रथम भाव- आपका व्यक्तित्व
- दूसरा भाव- आपका धन, वाणी, भोजन और परिवार
- तीसरा घर- आपके भाई-बहन, यात्रा, कौशल और प्रतिभा
- चतुर्थ भाव- आपका घर, वाहन और जीवन में सुख
- पंचम भाव- आपकी बुद्धि, रचनात्मकता, संतान और मनोरंजन
- छठा घर – आपके ऋण, प्रतिस्पर्धी, रोग, मातृ पक्ष
- सातवां घर- आपका जीवनसाथी, विवाह, साझेदारी और बाहरी दुनिया
- आठवां घर – आपके दुख, अचानक घटनाएं, विरासत, अनर्जित धन
- नवम भाव- आपका भाग्य, धर्म, लंबी यात्राएं, पिता, शिक्षक, गुरु
- दसवां घर – आपका करियर, प्रतिष्ठा, स्थिति, शक्ति
- एकादश भाव- आपका सामाजिक दायरा, इच्छाएं, लाभ
- बारहवां घर- आपकी हानि, खर्च, गुप्त शत्रु और मोक्ष
12 भाव को चार भाव में विभाजित किया जाता है जिनके नाम है – धर्म (कर्तव्य), अर्थ (संसाधन), काम (खुशी) और मोक्ष (मुक्ति) हैं।
- धर्म – 1, 5वां और 9वां भाव
- अर्थ – दूसरा, छठा और दसवां भाव
- काम – 3, 7वाँ और 11वा भाव
- मोक्ष – चौथा, आठवां और बारहवां भाव
राशियों के स्वामी
राशियों के स्वामी अलग-अलग होते हैं राशियों के स्वामी ग्रह होती हैं किस राशि के स्वामी कौन होते हैं–
- मेष राशि = मंगल ग्रह
- वृष राशि = शुक्र ग्रह
- मिथुन राशि = बुध ग्रह
- कर्क राशि = चन्द्रमा ग्रह
- सिंह राशि = सूर्य ग्रह
- कन्या राशि = बुध ग्रह
- तुला राशी = शुक्र ग्रह
- वृश्चिक राशि = मंगल ग्रह
- धनु राशि = गुरु ग्रह
- मकर राशि = शनि ग्रह
- कुम्भ राशि = शनि ग्रह
- मीन राशि = गुरु ग्रह
कुंडली देखने का सही तरीका
आप ऑनलाइन कुंडली चेक कर सकते हैं यदि आप अपना कुंडली खुद से ऑनलाइन चेक करना चाहते हैं तो इसके लिए बहुत सारे ऐप होते हैं
आपको ऑनलाइन गूगल में सर्च करना होगा ऑनलाइन कुंडली चेक ऐप नाम तो आपके सामने बहुत सारे ऐप के नाम आ जाएंगे
सबसे पहले www.freekundli.com की अफिशल वेबसाईट पर जाएं।
आपके सामने एक पेज ओपन होगा।
यहां पर अपना नाम जन्मतिथि जन्म का समय सारी जानकारियां जो आपसे मांगी जाए उन्हें भरकर सबमिट के बटन पर क्लिक करें।
आपके सामने आपकी जन्म कुंडली ओपन हो जाएगी।
सारी जानकारियां आपको विस्तार में बताए जाएंगे आप ऐसे डाउनलोड भी कर सकते हैं नीचे में दिए गए डाउनलोड लिंक पर क्लिक करके।
निष्कर्ष
आज हम ने जाना कुंडली कैसे देखें आपके यहां पर कुंडली से जुड़ी सारी जानकारियां बताई गई है और कुंडली चेक करने का तरीका भी बताया गया है यदि यह जानकारियां आपके लिए लाभकारी हो तो अन्य जानकारी के लिए हिंदी उपदेश की पोर्टल पर सर्च करें।