PCS Kaise Bane Hindi me – पीसीएस क्या होता है? पीसीएस अधिकारी बनने के लिए क्या करें? अधिकारी की सैलरी, योग्यताएं, कार्य आदि जानकारियां।
अगर आप भी सरकारी नौकरी की तलाश में है तो प्रत्येक राज्य में राज्य संघ लोक सेवा आयोग का गठन किया गया है यह आयोग हर साल राज्य में सरकारी पदों के लिए विज्ञापन जारी करती है तथा परीक्षा का आयोजन करके उन रिक्त स्थानों की पूर्ति करता है।
राज्य में पीसीएस अधिकारी की नियुक्ति भी राज्य संघ लोक सेवा आयोग द्वारा ही की जाती है यह आयोग संघ लोक सेवा आयोग के तर्ज पर कार्य करता है लेकिन इसमें प्रशासनिक शक्ति जैसे राज्य सरकार के पास इसका कार्यभार होता है।
अगर आप भी पीसीएस बनना चाहते हैं और परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो चलिए जानते हैं पीसीएस परीक्षा क्या होती है यदि हम पीसीएस परीक्षा देते हैं तो इस पद के लिए हमारा चयन किन प्रक्रियाओं के आधार पर किया जाता है सारी जानकारी को समझते हैं।
पीसीएस क्या है? What Is PCS?
प्रांतीय सिविल सेवा या परीक्षा राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा है।
इस पर के लिए वेतन राज्य सरकार के नियमानुसार प्रदान किया जाता है।
पीसीएस का पूरा नाम प्रोविंशियल सिविल सर्विस होता है।
PCS ऑफिसर का काम राज्य सरकार के अधीन विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस सेवाओं को संचालित करना होता है।
PCS ऑफिसर को राजस्व, कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, जनसेवा, जनसम्पर्क, आदि के क्षेत्रों में कार्य करना पड़ता है।
PCS ऑफिसर के पोस्ट में SDM, DSP, DIO, RTO, ETO, BDO, CDO, ADM, DFO, DSWO, DPRO, आदि पोस्ट शामिल हैं।
पीसीएस अर्थात प्रोफेशनल सिविल सर्विसेज यह एग्जाम प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है जो भी छात्र एसडीएम, बीडीओ, जिला खाद्य आपूर्ति अध्यक्ष आरटीओ ऑफिस में अध्यक्ष आदि विभिन्न उच्च पदों पर सर्विस प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें पीसीएस का एग्जाम देना होता है यह एग्जाम 3 चरणों ( प्रिलिम्स, मैन्स और इंटरव्यू) विभाजित होता है तथा जो भी विद्यार्थी तीनों चरणों को पास कर लेता है उसे जिले के उच्च पदों में से किसी एक पद पर नियुक्त कर दिया जाता है।
PCS Kaise Bane Hindi me – योग्यता (Qualification)
शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो इस पद के लिए आपको ग्रेजुएशन पास होना जरूरी है।
आप किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।
ग्रेजुएशन में आपको 50% से अत्यधिक अंक लाने अनिवार्य है।
आप डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए भी पीसीएस परीक्षा देने के योग्य बन जाते हैं।
आयु सीमा
आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष होनी चाहिए।
यदि आपकी उम्र 21 वर्ष से कम और 40 वर्ष से अधिक है तो आप आवेदन नहीं कर सकते हैं।
विभिन्न आरक्षित श्रेणी के व्यक्तियों को आयु में छूट दी जाती है।
अगर आप अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के उम्मीदवार है तो आपको आयु में विभिन्न प्रकार की छूट दी जाती है।
PCS फूल फॉर्म
पीसीएस | प्रोविशनल सिविल सर्विस |
PCS | Provisional civil service |
पीसीएस के कार्य
पीसीएस अधिकारी के रूप में आपका चयन किसी संस्था के प्रमुख के रूप में होता है।
संस्था में होने वाले सभी कार्यों के प्रति पीसीएस अधिकारी उत्तरदायित्व होता है।
क्या आपको पता है पीसीएस में कुल 56 तरह के पद शामिल होते हैं।
कुछ पदों के नाम इस प्रकार हैं – एक्साइज इंस्पेक्टर, एसडीएम, डिप्टी एसपी, प्रिंसिपल जीआईसी, जिला सूचना अधिकारी, बीडीओ, सप्लाई ऑफिसर, उप निबंधक इत्यादि
विभाग द्वारा निर्धारित किए गए कार्यों को सही ढंग से करवाने की मुख्य जिम्मेदारी पीसीएस अधिकारी को दी जाती है।
कार्य सही ढंग से हो सही वक्त पर हो सही तरीके से हो यह सभी जिम्मेदारियां पीसीएस अधिकारी को दी जाती है।
पीसीएस अधिकारी चयन प्रक्रिया
अगर आप भी पीसीएस परीक्षा में शामिल होने वाले हैं तो आपको बता दे की परीक्षा तीन आधार पर आयोजित की जाती हैं
सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा ली जाती है।
प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जाता है।
मुख्य परीक्षा में पास हो जाने के बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
- प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination)
- मुख्य परीक्षा (Main Examination)
- साक्षात्कार (Interview)
प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination)
इस परीक्षा का आयोजन दो पालियो में किया जाता है।
प्रथम पाली सुबह 9:30 से 11:30 तक
द्वितीय पाली 2:30 से 4:30 बजे तक
परीक्षा कुल 400 अंकों की होती है।
परीक्षा के लिए आपको दो-दो चार घंटे का समय दिया जाता है।
परीक्षा में प्रश्नों की संख्या 350 होती है।
अगर आप किसी भी सवाल का गलत उत्तर देते हैं तो नेगेटिव मार्किंग प्रक्रिया से 1/3 अंक काटे जाते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा में आपको दोनों पेपर में पास होना अनिवार्य है।
पास होने के लिए आपको 33% अंक लाने होंगे वरना आपको असफल घोषित कर दिया जाएगा।
प्राप्त अंकों को किसी भी प्रकार के मेरिट में नहीं जोड़ा जाता।
प्रश्न पत्र | प्रश्नों की संख्या | अंक | समय |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र I (वस्तुनिष्ठ) | 150 | 200 | 2 घंटे |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र II (वस्तुनिष्ठ) | 100 | 200 | 2 घंटे |
पीसीएस मुख्य परीक्षा पैटर्न – PCS Main Examination Pattern
- मुख्य परीक्षा को अनिवार्य विषय और वैकल्पिक विषयों में विभाजित किया जाता है। अनिवार्य विषय में चार पेपर 200 – 200 अंकों के होते है और दो पेपर 150-150 अंकों के होते है, कुल अनिवार्य पेपर 6 होते है | आयोग के द्वारा वैकल्पिक विषयों की एक सूची प्रदान की जाती है, इस सूची में से कोई एक विषय चुनना होता है | वैकल्पिक विषय के दो पेपर होते है | यह दोनों 200 – 200 अंकों के होते है |
- अनिवार्य विषय में 06 पेपर होते हैं।
- वैकल्पिक विषय में प्रत्येक प्रश्न पत्र को दो भाग में विभाजित किया जाता है प्रत्येक भाग में चार-चार प्रश्न होते हैं आपको कुल पांच प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं।
- ऐसा कहा जा सकता है कि प्रत्येक भाग से दो दो प्रश्न हल करना अनिवार्य है।
- आपको सामान्य हिंदी के अनिवार्य प्रश्न पत्र में न्यूनतम अंक प्राप्त करना अनिवार्य है अगर आप न्यूनतम अंक से क्रमांक लाते हैं तो आपको उत्तीन घोषित नहीं किया जाएगा।
- न्यूनतम अंक प्रत्येक साल समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।
अनिवार्य विषय (Compulsory Subjects)
सामान्य हिन्दी | 150 अंक | 3 घंटे |
निबन्ध | 150 अंक | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन, प्रथम प्रश्न-पत्र | 200 अंक | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन, द्वितीय प्रश्नपत्र | 200 अंक | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन, तृतीय प्रश्नपत्र | 200 अंक | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन, चतुर्थ प्रश्नपत्र | 200 अंक | 3 घंटे |
वैकल्पिक विषय (Optional Subjects)
वैकल्पिक विषय- प्रथम प्रश्नपत्र | 200 अंक | 3 घंटे |
वैकल्पिक विषय- द्वितीय प्रश्नपत्र | 200 अंक | 3 घंटे |
साक्षात्कार (Interview)
इंटरव्यू 100 अंकों की होती है।
और यह परीक्षा का आखिरी चरण होता है इसमें आपको अपना हंड्रेड परसेंट देना होता है।
मुख्य परीक्षा में जो उनका प्राप्त करते हैं और इंटरव्यू में जो अंक प्राप्त होते हैं उन दोनों को जोड़कर मेरिट लिस्ट बनाई जाती है।
प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त किए गए अंकों को मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जाता।
इंटरव्यू में आपसे परीक्षा से आधारित सवाल पूछे जाते हैं।
परीक्षा का नाम | अंक |
साक्षात्कार | 100 |
मासिक वेतन
जितने भी लोग पीसीएस अधिकारी बनते हैं उन्हें वेतन राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है यह वेतन राज्य सरकार द्वारा ही निर्धारित किए जाते हैं।
प्रत्येक राज्य का वेतन अलग-अलग होता है उदाहरण के तौर पर हम राजस्थान के वेतन की चर्चा करते हैं।
आप वेतन की पूरी जानकारी नोटिफिकेशन के माध्यम से चेक कर सकते हैं।
- पे बैंड PB-3 – Rs 15600-39100/-
- ग्रेड पे – Rs 5400/-
- बेसिक सैलरी – Rs 15600/-
Level | Time | Salary | Pay Level |
Junior time scale | Initial Level | Rs. 56100-132000 | Pay Level 10 |
Senior time scale | 5th year | Rs.67700-160000 | Pay Level 11 |
Junior grade | 8th year | Rs.78800- 191500 | Pay Level 12 |
Selection grade | 13th year | Rs.118500-214100 | Pay Level 13 |
Super Time Scale | 16th year | Rs.131100-216600 | Pay Level 13A |
Above super time scale | 25th year | Rs.144200-218200 | Pay Level 14 |
Apex scale | 30th year | Rs.225000 (fixed) | Pay Level 17 |
Cabinet secretary grade | 34th year | Rs.250000 (fixed) | Pay Level 18 |
कई प्रकार के भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं-
- मकान किराया/निवास
- महंगाई भत्ता
- परिवहन
- मेडिकल
- पढ़ाई, परिवार
- सुरक्षा
- मुफ्त फोन सेवा
- हाउसहोल्ड हेल्पर्स
- कार/चालक
Syllabus – प्रारंभिक परीक्षा
पेपर-I सामान्य अध्ययन-I राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएँ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाओं के बारे में अभ्यर्थियों को जानकारी होना अपेक्षित होगा। भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन इतिहास में भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं को व्यापक रूप से समझने पर जोर दिया जाना चाहिए। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में, उम्मीदवारों से स्वतंत्रता आंदोलन की प्रकृति और चरित्र, राष्ट्रवाद के विकास और स्वतंत्रता की प्राप्ति के बारे में एक संक्षिप्त दृष्टिकोण रखने की अपेक्षा की जाती है। भारत और विश्व भूगोल- भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य समझ की अपेक्षा की जाएगी। भारत के भूगोल पर प्रश्न भारत के भौतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल से संबंधित होंगे। भारतीय राजनीति और शासन- संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे आदि। भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और संस्कृति में, प्रश्न पंचायती राज और सामुदायिक विकास सहित देश की राजनीतिक प्रणाली, भारत में आर्थिक नीति की व्यापक विशेषताओं और भारतीय संस्कृति के ज्ञान का परीक्षण करेंगे। आर्थिक और सामाजिक विकास- सतत विकास, गरीबी उन्मूलन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल, आदि। अभ्यर्थियों की जनसंख्या, पर्यावरण और शहरीकरण के बीच संबंधों और समस्याओं के संबंध में परीक्षा ली जाएगी। पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे – जिनके लिए विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं होती। अभ्यर्थियों से विषय की सामान्य जानकारी अपेक्षित है। सामान्य विज्ञान सामान्य विज्ञान पर आधारित प्रश्नों में विज्ञान की सामान्य समझ और प्रशंसा पर आधारित प्रश्न होंगे, जिनमें रोजमर्रा के अवलोकन और अनुभव के मामले भी शामिल होंगे, जैसा कि एक सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षित हो सकता है, जिसने किसी भी वैज्ञानिक विषय का विशेष अध्ययन नहीं किया है। |
सामान्य अध्ययन-II समझ संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता निर्णय लेना और समस्या समाधान सामान्य मानसिक क्षमता प्रारंभिक गणित कक्षा 10 तक का स्तर- अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और सांख्यिकी सामान्य अंग्रेजी कक्षा 10 तक सामान्य हिंदी कक्षा 10 तक |
प्रारंभिक गणित (कक्षा 10 तक) अंकगणित:- (i) संख्या प्रणाली: प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्णांक, परिमेय और अपरिमेय संख्याएँ, वास्तविक संख्याएँ, पूर्णांक के भाजक, अभाज्य पूर्णांक, पूर्णांकों का LCM और HCF और उनका अंतर्संबंध। (ii) औसत (iii) अनुपात और समानुपात (iv) प्रतिशत (v) लाभ और हानि (vi) साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज (vii) कार्य और समय (viii) गति, समय और दूरी बीजगणित:- (i) बहुपदों के गुणनखंड, बहुपदों के LCM और HCF तथा उनका अंतर्संबंध, शेषफल प्रमेय, युगपत रैखिक समीकरण, द्विघात समीकरण। (ii) समुच्चय सिद्धांत:- समुच्चय, शून्य समुच्चय, समुच्चय के उपसमुच्चय और उचित उपसमुच्चय, समुच्चयों के बीच संक्रियाएं (संघटन, प्रतिच्छेदन, अंतर, सममित अंतर), वेन आरेख। ज्यामिति:- (i) त्रिभुज, आयत, वर्ग, समलम्ब चतुर्भुज और वृत्तों से संबंधित रचनाएँ और प्रमेय, उनका परिमाप और क्षेत्रफल। (ii) गोले, लम्ब वृत्तीय बेलन, लम्ब वृत्तीय शंकु और घन का आयतन और पृष्ठीय क्षेत्रफल। सांख्यिकी:- डेटा का संग्रह, डेटा का वर्गीकरण, आवृत्ति, आवृत्ति वितरण, सारणीयन, संचयी आवृत्ति। डेटा का प्रतिनिधित्व – बार आरेख, पाई चार्ट, हिस्टोग्राम, आवृत्ति बहुभुज, संचयी आवृत्ति वक्र (ओगिव), केंद्रीय प्रवृत्ति के माप: अंकगणितीय माध्य, माध्यिका और बहुलक |
सामान्य अंग्रेजी कक्षा 10 तक समझ सक्रिय आवाज़ और निष्क्रिय आवाज़ शब्दभेद वाक्यों का परिवर्तन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भाषण विराम चिह्न और वर्तनी शब्दों के अर्थ शब्दावली और उपयोग मुहावरे और वाक्यांश रिक्त स्थान भरें |
सामान्य हिंदी (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सीखने वाले विषय हिंदी वर्णमाला, रोमन चिन्ह शब्द रचना, वाक्य रचना, अर्थ शब्द-रूप संद, समास क्रियाएँ अनेकार्थी शब्द विलोम शब्द पर्यायवाची शब्द मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ तत्सम एवं तद्भव, देशज, विदेशी (शब्द भंडार) 1. 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 1 … अर्थबोध हिंदी के प्रयोग में होने वाली कलाकृतियाँ उ.प्र. की मुख्य बोलियाँ |
Syllabus मुख्य परीक्षा
सामान्य हिंदी
1. दिए गए गद्य खंड का अवबोध एवं प्रश्नोत्तरी।
2. संक्षेपण।
3. सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, अधिसूचना।
4. शब्द ज्ञान एवं प्रयोग।
(अ) उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग
(बी) विलोम शब्द
(एस) वाक्यांश के लिए एकशब्द
(द) वर्ण एवं वाक्य शुद्धि
5. लोकोक्ति एवं मुहावरे।
निबंध
निबंध के प्रश्नपत्र में तीन खंड होंगे, अभ्यर्थियों को प्रत्येक खंड से एक विषय चुनना होगा और उन्हें प्रत्येक विषय पर 700 शब्दों में निबंध लिखना होगा। तीनों खंडों में निबंध के विषय निम्नलिखित क्षेत्रों पर आधारित होंगे:
- खंड ए – (1) साहित्य और संस्कृति (2) सामाजिक क्षेत्र (3) राजनीतिक क्षेत्र
- खंड बी – (1) विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी (2) आर्थिक क्षेत्र (3) कृषि, उद्योग और व्यापार
- खंड सी – (1) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाएँ (2) प्राकृतिक आपदाएँ, भूस्खलन, भूकंप, जलप्रलय, सूखा आदि। (3) राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम और परियोजनाएँ
सामान्य अध्ययन-I
- भारतीय संस्कृति का इतिहास प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला रूपों, साहित्य और वास्तुकला के प्रमुख पहलुओं को कवर करेगा।
- आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई. से 1947 ई. तक): महत्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व और मुद्दे आदि।
- स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण तथा देश के विभिन्न भागों से महत्वपूर्ण योगदानकर्ता/योगदान।
- स्वतंत्रता के बाद देश के भीतर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई. तक)।
- विश्व का इतिहास- इसमें 18 वीं शताब्दी से लेकर 20 वीं शताब्दी के मध्य तक की घटनाएं शामिल होंगी , जैसे 1789 की फ्रांसीसी क्रांति, औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद आदि। इनके रूप और समाज पर प्रभाव।
- भारतीय समाज और संस्कृति की प्रमुख विशेषताएँ
- समाज में महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या और उससे जुड़े मुद्दे, गरीबी और विकास संबंधी मुद्दे, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके समाधान
- उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अर्थ तथा अर्थव्यवस्था, राजनीति और सामाजिक संरचना पर उनका प्रभाव
- सामाजिक सशक्तिकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता
- विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण – जल, मृदा, वन, दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के संदर्भ में, भारत के विशेष संदर्भ में। उद्योगों की अवस्थिति के लिए उत्तरदायी कारक (भारत के विशेष संदर्भ में)।
- भौतिक भूगोल की प्रमुख विशेषताएँ- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय गतिविधि, चक्रवात, महासागरीय धाराएँ, हवाएँ और ग्लेशियर
- भारत के समुद्री संसाधन और उनकी क्षमता
- मानव प्रवास – विश्व की शरणार्थी समस्या, भारत पर विशेष ध्यान
- भारतीय उपमहाद्वीप के संदर्भ में सीमाएँ एवं सीमाएं
- जनसंख्या एवं बस्तियाँ- प्रकार एवं पैटर्न, शहरीकरण, स्मार्ट शहर और स्मार्ट गाँव
सामान्य अध्ययन-II
- भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना, संविधान के बुनियादी प्रावधानों के विकास में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका
- संघ और राज्यों के कार्य और जिम्मेदारियाँ- संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर तक शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसमें चुनौतियाँ
- केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों में वित्त आयोग की भूमिका
- शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र और संस्थाएं, वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र का उद्भव और उपयोग
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ तुलना
- संसद और राज्य विधानमंडल- संरचना, कार्यप्रणाली, कार्य संचालन, शक्तियां और विशेषाधिकार तथा संबंधित मुद्दे
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली-सरकार के मंत्रालय और विभाग, दबाव समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ और राजनीति में उनकी भूमिका, जनहित याचिका (पीआईएल)
- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियां, कार्य और उनकी जिम्मेदारियां
- नीति आयोग सहित सांविधिक, नियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, उनकी विशेषताएं और कार्यप्रणाली
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप तथा उनके डिजाइन, कार्यान्वयन और सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) से उत्पन्न मुद्दे
- विकास प्रक्रियाएँ- गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), विभिन्न समूहों और संघों, दाताओं, धर्मार्थ संस्थाओं, संस्थागत और अन्य हितधारकों की भूमिका
- केंद्र और राज्यों द्वारा जनसंख्या के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का प्रदर्शन, इन कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थान और निकाय
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे
- गरीबी और भुखमरी से संबंधित मुद्दे, राजनीति पर उनका प्रभाव
- शासन के महत्वपूर्ण पहलू। पारदर्शिता और जवाबदेही, ई-गवर्नेंस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं, नागरिक, चार्टर और संस्थागत उपाय।
- उभरते रुझानों के संदर्भ में लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
- भारत और पड़ोसी देशों के साथ उसके संबंध;
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह तथा भारत से संबंधित और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते
- विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव- भारतीय प्रवासी
- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं, एजेंसियां, उनकी संरचना, अधिदेश और कार्यप्रणाली
- क्षेत्रीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के समसामयिक मामले और घटनाएं
सामान्य अध्ययन-III
- भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य और उपलब्धियां, नीति आयोग की भूमिका, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति
- गरीबी, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के मुद्दे
- सरकारी बजट और वित्तीय प्रणाली के घटक
- प्रमुख फसलें, सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणालियाँ, कृषि उपज का भंडारण, परिवहन एवं विपणन, किसानों की सहायता हेतु ई-प्रौद्योगिकी
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्यप्रणाली, सीमाएं, सुधार, बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे, कृषि में प्रौद्योगिकी मिशन
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग- दायरा और महत्व, स्थान, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
- स्वतंत्रता के बाद से भारत में भूमि सुधार
- उदारीकरण और वैश्वीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन और औद्योगिक विकास पर उनका प्रभाव
- बुनियादी ढांचा- ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे, आदि।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी – रोजमर्रा की जिंदगी और राष्ट्रीय सुरक्षा में विकास और अनुप्रयोग, भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण। नई प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, प्रौद्योगिकियों का दोहरा और महत्वपूर्ण उपयोग
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर, ऊर्जा संसाधन, नैनो-प्रौद्योगिकी, माइक्रोबायोलॉजी, जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जागरूकता। बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और डिजिटल अधिकारों से संबंधित मुद्दे
- पर्यावरण सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन का संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, पर्यावरण प्रभाव आकलन
- आपदा एक गैर-पारंपरिक सुरक्षा और संरक्षा चुनौती के रूप में, आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन
- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाँ- परमाणु प्रसार के मुद्दे, उग्रवाद के कारण और प्रसार, संचार नेटवर्क, मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग की भूमिका, साइबर सुरक्षा की मूल बातें, धन शोधन और मानव तस्करी
- भारत की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ- आतंकवाद, भ्रष्टाचार, उग्रवाद और संगठित अपराध
- सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार और अधिदेश, भारत में उच्च रक्षा संगठन
- कृषि, बागवानी, वानिकी और पशुपालन के मुद्दे
सामान्य अध्ययन-IV
- नैतिकता और मानव इंटरफेस- मानवीय क्रियाकलापों में नैतिकता का सार, निर्धारक और परिणाम, नैतिकता के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नैतिकता।
- मानवीय मूल्य महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षाओं से सबक, मूल्यों को विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षिक संस्थानों की भूमिका
- दृष्टिकोण- विषय-वस्तु, संरचना, कार्य, इसका प्रभाव और विचार एवं व्यवहार के साथ संबंध, नैतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण, सामाजिक प्रभाव और अनुनय।
- सिविल सेवा के लिए योग्यता और आधारभूत मूल्य, ईमानदारी, निष्पक्षता और गैर-पक्षपात, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवाओं के प्रति समर्पण, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और करुणा
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता- अवधारणा और आयाम, प्रशासन और शासन में इसकी उपयोगिता और अनुप्रयोग
- भारत और विश्व के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान
- लोक प्रशासन में सार्वजनिक/सिविल सेवा मूल्य और नैतिकता- स्थिति और समस्याएं, सरकारी और निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं और दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में कानून, नियम, विनियम और विवेक, जवाबदेही और नैतिक शासन, शासन में नैतिक मूल्यों को मजबूत करना, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और वित्त पोषण में नैतिक मुद्दे, कॉर्पोरेट प्रशासन
- शासन में ईमानदारी- सार्वजनिक सेवा की अवधारणा, शासन और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना साझाकरण और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक चार्टर, कार्य संस्कृति, सेवा वितरण की गुणवत्ता, सार्वजनिक धन का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां
- उपरोक्त मुद्दों पर केस अध्ययन
सामान्य अध्ययन-V
- उत्तर प्रदेश का इतिहास, सभ्यता, संस्कृति और प्राचीन शहर।
- वास्तुकला, उनका महत्व और रखरखाव, संग्रहालय, अभिलेखागार और उत्तर प्रदेश का पुरातत्व।
- भारत के 1857 के पूर्व और पश्चात स्वतंत्रता संग्राम में उत्तर प्रदेश का योगदान।
- उत्तर प्रदेश के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं विभूतियाँ।
- ग्रामीण, शहरी एवं जनजातीय मुद्दे: सामाजिक संरचना, त्यौहार, मेले, संगीत, लोक नृत्य, साहित्य एवं भाषाएं/बोलियां, उत्तर प्रदेश के सामाजिक रीति-रिवाज।
- उत्तर प्रदेश की राजनीतिक व्यवस्था: शासन व्यवस्था, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, राज्य विधानसभा और राज्य परिषद, केंद्र-राज्य संबंध।
- लोक सेवा, लोक सेवा आयोग, लेखा परीक्षा, महाधिवक्ता, उच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश में इसका क्षेत्राधिकार।
- विशेष राज्य चयन मानदंड, राजभाषा, समेकित निधि और आकस्मिकता निधि, राजनीतिक दल और उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग।
- स्थानीय स्वशासन: शहरी और पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, उत्तर प्रदेश में अधिकार संबंधी मुद्दे।
- सुशासन, भ्रष्टाचार उन्मूलन, लोकायुक्त, नागरिक चार्टर, ई-गवर्नेंस, सूचना का अधिकार, निवारण नीति।
- भूमि सुधार और उत्तर प्रदेश में इसका प्रभाव।
- उत्तर प्रदेश में सुरक्षा से संबंधित मुद्दे।
- विकास और उग्रवाद के प्रसार के बीच संबंध।
- संचार नेटवर्क, मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां पैदा करने में बाह्य, राज्य और अंतरराज्यीय अभिनेताओं की भूमिका।
- साइबर सुरक्षा, धन शोधन और इसकी रोकथाम के बुनियादी नियम।
- विभिन्न सुरक्षा बल एवं एजेंसियाँ तथा उनके अधिदेश।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ और उनका प्रबंधन, संगठित अपराधों का आतंकवाद से संबंध।
- उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा।
- उत्तर प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे
- उत्तर प्रदेश की राज्य शिक्षा प्रणाली.
- भारत के विकास में यू पिन का योगदान।
- उत्तर प्रदेश के समसामयिक मामले।
- उत्तर प्रदेश में जल शक्ति मिशन और अन्य केन्द्रीय कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन।
- उत्तर प्रदेश में एनजीओ: मुद्दे, योगदान और प्रभाव।
- उत्तर प्रदेश में पर्यटन: मुद्दे और संभावनाएँ।
- उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार पर जोर: मुद्दे और इसका समाज के रोजगार और सामाजिक-आर्थिक विकास पर प्रभाव।
सामान्य अध्ययन-VI
उत्तर प्रदेश के विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) का विकास।
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का अवलोकन: अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं और राज्य बजट, बुनियादी ढांचा और भौतिक संसाधनों का महत्व।
उत्तर प्रदेश का व्यापार, वाणिज्य एवं उद्योग।
लोगों के कल्याण, मानव संसाधन और कौशल विकास के लिए यूपी सरकार की योजनाएं, परियोजनाएं और योजनाबद्ध विकास।
उत्तर प्रदेश में निवेश: मुद्दे और प्रभाव
लोक वित्त एवं राजकोषीय नीति, कर एवं आर्थिक सुधार, उत्तर प्रदेश सरकार की एक जिला एक उत्पाद नीति।
उत्तर प्रदेश के नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की योजना और प्रबंधन।
उत्तर प्रदेश की जनसांख्यिकी, जनसंख्या और जनगणना।
उत्तर प्रदेश में कृषि का व्यावसायीकरण एवं कृषि फसलों का उत्पादन।
उत्तर प्रदेश नई वन नीति.
उत्तर प्रदेश में आर्गो और सामाजिक वानिकी
कृषि विविधता, उत्तर प्रदेश में कृषि की समस्याएं एवं उनके समाधान।
विभिन्न क्षेत्रों में यू.पी.आई.एन. के विकासात्मक सूचकांक।
उत्तर प्रदेश का भूगोल: भौगोलिक स्थिति, उच्चावच एवं संरचना, जलवायु, सिंचाई, खनिज, जल निकास व्यवस्था एवं वनस्पति।
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य।
उत्तर प्रदेश में परिवहन नेटवर्क.
उत्तर प्रदेश के विद्युत संसाधन, अवसंरचना और औद्योगिक विकास।
उत्तर प्रदेश में प्रदूषण एवं पर्यावरणीय मुद्दे, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं इसके कार्य।
उत्तर प्रदेश के प्राकृतिक संसाधन- मिट्टी, जल, वायु, वन, चरागाह, आर्द्रभूमि।
उत्तर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन और मौसम पूर्वानुमान के मुद्दे।
आवास एवं पारिस्थितिकी तंत्र, संरचना एवं कार्य, समायोजन; वनस्पति एवं जीव-जंतु, उत्तर प्रदेश के संदर्भ में।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी: उत्तर प्रदेश में इसके मुद्दे, प्रगति और प्रयास।
उत्तर प्रदेश में जलीय कृषि, अंगूर की खेती, रेशम उत्पादन, पुष्प कृषि, बागवानी, वृक्ष कृषि और उत्तर प्रदेश के विकास पर इसका प्रभाव।
पोस्ट नेम
प्रांतीय सिविल सेवा में 56 प्रकार के पोस्ट शामिल होते हैं तो आईए जानते हैं उनके नाम क्या-क्या होते हैं पीसीएस में कई प्रकार के पोस्ट होते हैं जो राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं –
- Deputy Collector
- Deputy Superintendent of Police
- Block Development Officer
- Assistant Regional Transport Officer
- Assistant Commissioner (Commercial Tax)
- District Commandant Home Guards
- Treasury Officer/Accounts Officer (Treasury)
- Cane Inspector and Assistant Sugar Commissioner
- District Cane Officer
- U.P. Agriculture Service Group “B” (Development Branch)
- Superintendent Jail
- Manager Credit (Small Industries)
- Manager Marketing and Economic Survey (Small Industries)
- Executive Officer Grade- I/Assistant Nagar Ayukta
- District Programme Officer
- Assistant Director Industries (Marketing)
- Assistant Labour Commissioner
- Senior Lecturer DIET
- Assistant Commissioner Industries
- Statistical Officer
- Assistant Accounts Officer (Treasury)
- Commercial Tax Officer
- District Minority Welfare Officer
- District Food Marketing Officer
- Executive Officer (Panchayati Raj)
पीसीएस और आईएएस में अंतर?
पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा) और आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा)
पीसीएस और आईएएस में क्या अंतर होता है लिए विस्तार से समझते हैं ताकि आपको दोनों में भिन्नताएं समझ में आ जाए –
पैरामीटर | PCS | IAS |
पूर्ण प्रपत्र | प्रांतीय सिविल सेवा | भारतीय प्रशासनिक सेवा |
द्वारा नियुक्त | भारत के राष्ट्रपति | उत्तर प्रदेश के राज्यपाल |
नियम और जिम्मेदारियाँ | विकास और कल्याण कार्यक्रम, स्थानीय शासन, भूमि प्रशासन, आपदा प्रबंधन और राजस्व संग्रह | केंद्रीय सरकारी विभाग, सार्वजनिक सेवाएं, विकास परियोजनाएं, संकट प्रबंधन, राजस्व प्रशासन, नीति निर्माण और कार्यान्वयन |
पदनाम | सहायक कलेक्टर, उप-जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट, शहर के मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त संभागीय आयुक्त | मुख्य विकास अधिकारी/एसडीओ/एसडीएम/संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कमिश्नर/जिला मजिस्ट्रेट/जिला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त, राजस्व परिषद सदस्य |
नियोक्ताओं | पीसीएस अधिकारियों की भर्ती संबंधित राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सिविल सेवा परीक्षाओं के माध्यम से की जाती है। वे अपने विशिष्ट राज्य में सेवा करते हैं और उस राज्य के प्रशासन और विकास के लिए जिम्मेदार होते हैं। | आईएएस अधिकारियों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा के माध्यम से की जाती है। वे केंद्रीय सिविल सेवा का हिस्सा हैं और राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर काम करते हैं। उनके पास अधिकार का व्यापक दायरा होता है और उन्हें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विभिन्न पदों पर तैनात किया जा सकता है। |
पदानुक्रम | पीसीएस अधिकारी राज्य सरकार के भीतर प्रशासनिक पदों पर होते हैं, और उनका पदानुक्रम आमतौर पर राज्य सिविल सेवा के अंतर्गत होता है। | आईएएस अधिकारियों को देश में सबसे शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है और वे केंद्र सरकार में जिला कलेक्टर, आयुक्त, सचिव और उच्च पदों पर रहते हैं। आईएएस अधिकारियों को देश में सबसे शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है और वे केंद्र सरकार में जिला कलेक्टर, आयुक्त, सचिव और उच्च पदों पर रहते हैं। |
स्थानान्तरण और पोस्टिंग | पीसीएस अधिकारी राज्य सरकार के भीतर प्रशासनिक पदों पर होते हैं, और उनका पदानुक्रम आमतौर पर राज्य सिविल सेवाओं के अंतर्गत होता है। | आईएएस अधिकारियों को विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के विभागों में तैनात किया जा सकता है, जिससे उन्हें व्यापक अनुभव और विविध प्रकार के कार्य प्राप्त होंगे। |
वेतन | पीसीएस अधिकारी के लिए प्रवेश स्तर का वेतन 7वें वेतन आयोग के अनुसार है। प्रवेश स्तर के पीसीएस अधिकारी का वेतन पे लेवल 10 में होता है, जिसमें वेतन सीमा 56,100 रुपये से 1,32,000 रुपये तक होती है। यह महंगाई भत्ता (डीए), हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) और अन्य लाभों जैसे अतिरिक्त भत्तों को शामिल किए जाने से पहले मूल वेतन को दर्शाता है। | एक आईएएस अधिकारी का मूल मासिक पारिश्रमिक 56,100 रुपये से शुरू होता है, और इसमें महंगाई भत्ता (डीए), हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) और यात्रा भत्ता (टीए) जैसे अतिरिक्त भत्ते शामिल नहीं होते हैं। अधिकारी के विभिन्न रैंक और जिम्मेदारियों के माध्यम से आगे बढ़ने पर वेतन में और वृद्धि हो सकती है। आईएएस में सबसे ऊंचा पद, कैबिनेट सचिव, 2,50,000 रुपये तक का मासिक वेतन कमा सकता है। |
निष्कर्ष
भारत के लाख से भी अत्यधिक उम्मीदवार पीसीएस ऑफीसर बनना चाहते हैं और तैयारी में लगे होते हैं तो हमने थोड़ी सी कोशिश की है जिससे आप पीसीएस ऑफीसर के बारे में जानकारियां प्राप्त कर सके ऊपर आपको आसान शब्दों में समझाया गया है पीसीएस ऑफीसर क्या होता है आप इसके लिए तैयारी कैसे कर सकते हैं परीक्षा पैटर्न सिलेबस आदि की पूरी जानकारी आपके ऊपर दी गई है।
यदि यह सभी जानकारियां आपके लिए लाभकारी हो तो आने जानकारी के लिए हिंदी उपदेश की पोर्टल पर सर्च करें धन्यवाद।