Shiv ji Ke Naam – भगवान शिव के कितने नाम है? शिव जी के 108 नाम अर्थ के साथ

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Shiv ji Ke Naam - भगवान शिव के कितने नाम है? शिव जी के 108 नाम अर्थ के साथ

Shiv ji Ke Naam – भगवान शिव सनातन धर्म के सबसे प्रमुख देव माने जाते हैं सनातन धर्म के तीन प्रमुख देव है ब्रह्मा, विष्णु और महेश अर्थात शिव. माना जाता है कि भगवान शिव ने समय-समय पर कई रूपों में इस धरती पर शिव अवतार भी लिए हैं जिन्हें अनेक नाम से जाना जाता है आपको यह बता दें कि हनुमान जी भी शिव जी के अवतार के रूप में ही माने जाते हैं।

हिंदुओं में सबसे प्रिय माने जाने वाले देवता का नाम शिव है शिव जी को खुश करना बेहद आसान होता है इसलिए उन्हें भोले बाबा कहां जाता है शिव जी के अलग-अलग रूपों की वजह से उन्हें कई नाम पड़े हैं। आईए जानते हैं महादेव के नाम क्या-क्या हैं।

Shiv ji Ke Naam – अर्थ के साथ शिव के नाम

भगवान शिव को महादेव भोलेनाथ शिव शंकर कहां जाता है यह हिंदुओं के सबसे पहले देवता होते हैं जिन्हें प्रसन्न करना काफी आसान होता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव भगवान केवल एक लोटा जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए प्रत्येक सोमवार को लोग मंदिर जाकर महादेव को जल अर्पित करते हैं। हमारे प्रिय भगवान महादेव को प्रसन्न करने के अन्य और तरीका भी है सबसे आसान तरीका आप महादेव के 108 नाम के जब से भी उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं आईए जानते हैं भोलेनाथ के 108 नाम क्या-क्या है।

नीचे सारणी में आपको शिव भगवान के 108 नाम बताए गए हैं तथा उसे नाम का अर्थ क्या होता है उसकी भी जानकारियां आपको नीचे दी गई है यदि आप भगवान के 108 नाम का जाप करते हैं तो आप आसानी से शिव भगवान को प्रसन्न कर सकते हैं इसके अलावा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास, शिव चालीसा का पाठ और आरती भी पढ़ते हैं। भोलेनाथ अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर कृपा बरसाते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।

Lord Shiva Names in Hindi - भगवान शिव के कितने नाम है?

Shiv ji Ke Naam

क्र०स०नामअर्थ
1.शिवकल्याण स्वरूप
2.महेश्वरमाया के अधीश्वर
3.शम्भू आनंद स्वरूप वाले
4.पिनाकी पिनाक धनुष धारण करने वाले
5.शंकर सबका कल्याण करने वाले
6.शूलपाणी हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
7.खटवांगी खटिया का एक पाया रखने वाले
8.विष्णुवल्लभ भगवान विष्णु के अति प्रिय
9.कपर्दी जटाजूट धारण करने वाले
10.विरूपाक्ष विरूपाक्ष 
11.भव संसार के रूप में प्रकट होने वाले
12.शर्व कष्टों को नष्ट करने वाले
13.शशिशेखर सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
14.वामदेव अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
15.शिपिविष्ट सितुहा में प्रवेश करने वाले
16.अंबिकानाथ देवी भगवती के पति
17.शिवाप्रिय पार्वती के प्रिय
18.उग्र अत्यंत उग्र रूप वाले
19.गंगाधर गंगा जी को धारण करने वाले
20.नीललोहित नीले और लाल रंग वाले
21.महाकाल कालों के भी काल
22.कृपानिधि करूणा की खान
23.शितिकण्ठ सफेद कण्ठ वाले
24.श्रीकण्ठ सुंदर कण्ठ वाले
25.भक्तवत्सल भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
26.ललाटाक्ष ललाट में आंख वाले
27.त्रिलोकेश तीनों लोकों के स्वामी
28.परशुहस्त हाथ में फरसा धारण करने वाले
29.त्रिपुरांतक त्रिपुरासुर को मारने वाले
30.मृगपाणी हाथ में हिरण धारण करने वाले
31.सुरसूदन अंधक दैत्य को मारने वाले
32.जटाधर जटा रखने वाले
33.कैलाशवासी कैलाश के निवासी
34.वृषांक बैल के चिह्न वाली ध्वजा वाले
35.वृषभारूढ़ बैल की सवारी वाले
36.कवची कवच धारण करने वाले
37.कठोर अत्यंत मजबूत देह वाले
38.भीम भयंकर रूप वाले
39.कपाली कपाल धारण करने वाले
40.कामारी कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
41.दुर्धुर्ष किसी से नहीं दबने वाले
42.गिरीश पर्वतों के स्वामी
43.भस्मोद्धूलितविग्रह सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
44.सामप्रिय सामगान से प्रेम करने वाले
45.सदाशिव नित्य कल्याण रूप वाल
46.विश्वेश्वर सारे विश्व के ईश्वर
47.स्वरमयी सातों स्वरों में निवास करने वाले
48.त्रयीमूर्ति वेदरूपी विग्रह करने वाले
49.प्रजापति प्रजाओं का पालन करने वाले
50.हिरण्यरेता स्वर्ण तेज वाले
51.अनीश्वर जो स्वयं ही सबके स्वामी है
52.सर्वज्ञ सब कुछ जानने वाले
53.वीरभद्र वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले
54.गणनाथ गणों के स्वामी
55.परमात्मा सब आत्माओं में सर्वोच्च
56.सोमसूर्याग्निलोचन चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
57.सोम उमा के सहित रूप वाले
58.पंचवक्त्र पांच मुख वाले
59.हवि आहूति रूपी द्रव्य वाले
60.यज्ञमय यज्ञस्वरूप वाले
61.भूतपति भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी
62.स्थाणु स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
63.गिरिश्वर कैलाश पर्वत पर सोने वाले
64.अनघ पापरहित
65.मृत्युंजय मृत्यु को जीतने वाले
66.सूक्ष्मतनु सूक्ष्म शरीर वाले
67.भगवान् सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
68.प्रमथाधिप प्रमथगणों के अधिपति
69.जगद्व्यापी जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले
70.जगद्गुरू जगत् के गुरू
71.गिरिधन्वा मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
72.गिरिप्रिय पर्वत प्रेमी
73व्योमकेश आकाश रूपी बाल वाले
74.महासेनजनक कार्तिकेय के पिता
75.भुजंगभूषण सांपों के आभूषण वाले
76.भर्ग पापों को भूंज देने वाले
77.चारुविक्रम सुन्दर पराक्रम वाले
78.रूद्र भयानक
79.कृत्तिवासा गजचर्म पहनने वाले
80.पुराराति पुरों का नाश करने वाले
81.अहिर्बुध्न्य कुण्डलिनी को धारण करने वाले
82.दिगम्बर नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले
83.दक्षाध्वरहर दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
84.हर पापों व तापों को हरने वाले
85.अष्टमूर्ति आठ रूप वाले
86.अनेकात्मा अनेक रूप धारण करने वाले
87.पूषदन्तभित् पूषा के दांत उखाड़ने वाले
88.अव्यग्र कभी भी व्यथित न होने वाले
89.सात्त्विक सत्व गुण वाले
90.शुद्धविग्रह शुद्धमूर्ति वाले
91.अव्यय खर्च होने पर भी न घटने वाले
92.हरि विष्णुस्वरूप
93.शाश्वत नित्य रहने वाले
94.खण्डपरशु टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
95.देव स्वयं प्रकाश रूप
96.महादेव देवों के भी देव
97.अज जन्म रहित
98.पाशविमोचन बंधन से छुड़ाने वाले
99.मृड सुखस्वरूप वाले
100.पशुपति पशुओं के स्वामी
101.अपवर्गप्रद कैवल्य मोक्ष देने वाले
102.भगनेत्रभिद् भग देवता की आंख फोड़ने वाले
103.परमेश्वर सबसे परम ईश्वर
104.अव्यक्त इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
105.तारक सबको तारने वाले
106.सहस्राक्ष हजार आंखों वाले
107.अनंत देशकालवस्तु रूपी परिछेद से रहित
108.सहस्रपाद हजार पैरों वाले

सावन में जपें भगवान शिव के 108 नाम

Lord Shiva Names in Hindi मुख्य रूप से यह माना जाता है कि सावन में यदि आप भगवान शिव के 108 नाम का जाप करते हैं तो आपकी मनोकामना जल्दी पूरी होती है नीचे आपको जब करने के लिए भगवान शिव की 108 नाम के बारे में बताया गया है तथा आपको कैसे जाप करना है वह भी बताया गया है –

  1. ॐ भोलेनाथ नमः
  2. ॐ कैलाश पति नमः
  3. ॐ भूतनाथ नमः
  4. ॐ नंदराज नमः
  5. ॐ नन्दी की सवारी नमः
  6. ॐ ज्योतिलिंग नमः
  7. ॐ महाकाल नमः
  8. ॐ रुद्रनाथ नमः
  9. ॐ भीमशंकर नमः
  10. ॐ नटराज नमः
  11. ॐ प्रलेयन्कार नमः
  12. ॐ चंद्रमोली नमः
  13. ॐ डमरूधारी नमः
  14. ॐ चंद्रधारी नमः
  15. ॐ मलिकार्जुन नमः
  16. ॐ भीमेश्वर नमः
  17. ॐ विषधारी नमः
  18. ॐ बम भोले नमः
  19. ॐ ओंकार स्वामी नमः
  20. ॐ ओंकारेश्वर नमः
  21. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
  22. ॐ विश्वनाथ नमः
  23. ॐ अनादिदेव नमः
  24. ॐ उमापति नमः
  25. ॐ गोरापति नमः
  26. ॐ गणपिता नमः
  27. ॐ भोले बाबा नमः
  28. ॐ शिवजी नमः
  29. ॐ शम्भु नमः
  30. ॐ नीलकंठ नमः
  31. ॐ महाकालेश्वर नमः
  32. ॐ त्रिपुरारी नमः
  33. ॐ त्रिलोकनाथ नमः
  34. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
  35. ॐ बर्फानी बाबा नमः
  36. ॐ जगतपिता नमः
  37. ॐ मृत्युन्जन नमः
  38. ॐ नागधारी नमः
  39. ॐ रामेश्वर नमः
  40. ॐ लंकेश्वर नमः
  41. ॐ अमरनाथ नमः
  42. ॐ केदारनाथ नमः
  43. ॐ मंगलेश्वर नमः
  44. ॐ अर्धनारीश्वर नमः
  45. ॐ नागार्जुन नमः
  46. ॐ जटाधारी नमः
  47. ॐ नीलेश्वर नमः
  48. ॐ गलसर्पमाला नमः
  49. ॐ दीनानाथ नमः
  50. ॐ सोमनाथ नमः
  51. ॐ जोगी नमः
  52. ॐ भंडारी बाबा नमः
  53. ॐ बमलेहरी नमः
  54. ॐ गोरीशंकर नमः
  55. ॐ शिवाकांत नमः
  56. ॐ महेश्वराए नमः
  57. ॐ महेश नमः
  58. ॐ ओलोकानाथ नमः
  59. ॐ आदिनाथ नमः
  60. ॐ देवदेवेश्वर नमः
  61. ॐ प्राणनाथ नमः
  62. ॐ शिवम् नमः
  63. ॐ महादानी नमः
  64. ॐ शिवदानी नमः
  65. ॐ संकटहारी नमः
  66. ॐ महेश्वर नमः
  67. ॐ रुंडमालाधारी नमः
  68. ॐ जगपालनकर्ता नमः
  69. ॐ पशुपति नमः
  70. ॐ संगमेश्वर नमः
  71. ॐ दक्षेश्वर नमः
  72. ॐ घ्रेनश्वर नमः
  73. ॐ मणिमहेश नमः
  74. ॐ अनादी नमः
  75. ॐ अमर नमः
  76. ॐ आशुतोष महाराज नमः
  77. ॐ विलवकेश्वर नमः
  78. ॐ अचलेश्वर नमः
  79. ॐ अभयंकर नमः
  80. ॐ पातालेश्वर नमः
  81. ॐ धूधेश्वर नमः
  82. ॐ सर्पधारी नमः
  83. ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
  84. ॐ हठ योगी नमः
  85. ॐ विश्लेश्वर नमः
  86. ॐ नागाधिराज नमः
  87. ॐ सर्वेश्वर नमः
  88. ॐ उमाकांत नमः
  89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
  90. ॐ त्रिकालदर्शी नमः
  91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
  92. ॐ महादेव नमः
  93. ॐ गढ़शंकर नमः
  94. ॐ मुक्तेश्वर नमः
  95. ॐ नटेषर नमः
  96. ॐ गिरजापति नमः
  97. ॐ भद्रेश्वर नमः
  98. ॐ त्रिपुनाशक नमः
  99. ॐ निर्जेश्वर नमः
  100. ॐ किरातेश्वर नमः
  101. ॐ जागेश्वर नमः
  102. ॐ अबधूतपति नमः
  103. ॐ भीलपति नमः
  104. ॐ जितनाथ नमः
  105. ॐ वृषेश्वर नमः
  106. ॐ भूतेश्वर नमः
  107. ॐ बैजूनाथ नमः
  108. ॐ नागेश्वर नमः

भगवान शिव के नाम पर बच्चों के नाम

अक्सर बहुत से लोग यह सोचते हैं कि वह अपने बच्चों का नाम भगवान शिव के नाम पर रखें यहां पर आपको बेबी बॉय के लिए कुछ नाम बताए गए हैं तथा उसे नाम का अर्थ भी बताया गया है जो आप भगवान शिव के नाम पर अपने बच्चों के नाम रख सकते हैं।

ऐसा माना जाता है कि यदि आप अपने बच्चों को अपने भगवान का नाम देते हैं तो आपका बच्चा बहुत ही ज्यादा नाम रोशन करता है तथा वह शांत स्वभाव का होता है बच्चे की चरित्र और उसकी भावनाएं परवरिश पर निर्भर करती है अब जिस प्रकार से अपने बच्चों को रखोगे वह उसी प्रकार से बड़े होकर आपका नाम रोशन करेगा

लड़कों के लिए भगवान शिव के नाम अर्थ सहित

नामअर्थ
शर्वाय (Sharvay)भगवान शंकर का एक नाम, समस्त, प्रत्येक, चन्द्रमा
अर्हन्त (Arhant)जो योग्य है, एक गुणी व्युक्ति, लायक
सोहन (Soham)मैं वह हूँ, प्रत्येक आत्मा में हूँ, प्रत्येक आत्मा में परमात्मा है
आशुतोष (Ashutosh)सदा प्रसन्न और संतुष्ट रहने वाले
अभिगम्य (Abhigamya)सब कुछ आसानी से प्राप्त करने वाले
अनीश्वर (Aneeshwar)जो स्वयं ही सबके स्वामी हैं
अभिराम (Abhiram)स्नेह का भाव रखने वाले
अभिवद्य (Abhivadya)जिसके प्रति सभी को श्रद्धा और सम्मान हो
अचलोपम (Achlopam)गतिहीन, धैर्यवान
अचिंत्य (Achintya)जो कल्पना से परे हो
अहिर्बुध्न्य (Ahirbudhya)कुण्डलिनी को धारण करने वाले
अधोक्षज (Adhokshaj)रचयिता
आदिकर (Aadikar)प्रथम रचयिता
अज (Aja)जन्म रहित
अक्षयगुण (Akshaygun)असीम गुण वाले
आलोक (Aalok)संसार, दृष्टि, रूप
अमरेश (Amresh)देवताओं के देव
अमर्त्य (Amartya)जिसने मृत्यु को जीत लिया हो
अनघ (Anagh)जो पाप और दोष रहित हो
अनंतदृष्टि (Anantdrishti)भविष्य को देखने वाले
अनिकेत (Aniket)जगत के पिता
अनंत (Anant)देशकालवस्तु रूपी सीमा से रहित
अपवर्गप्रद (Apavargprad)कैवल्य मोक्ष देने वाले
अव्यग्र (Avyagra)कभी भी व्यथित न होने वाले
आयुधि (Aayudhi)त्रिशूल को धारण करने वाले
बलवान (Balwan)शक्तिवान
भैरव (Bhairav)वह जो भय को जीत सके, दुर्जेय
भालनेत्र (Bhalnetra)जिसके माथे पर नेत्र हो
भावेश (Bhavesh)जगत के ईश्वर
भोलेनाथ (Bholenath)प्रभु जो सबके प्रति दयालु और परोपकारी हैं
भूदेव (Bhudev)पृथ्वी के भगवान
बीजाध्यक्ष (Beejadhyaksh)जो गुण और दोष दोनों को नियंत्रित करे
ब्रह्मकृत (Brahmkrit)वेदों को लिखने वाले
चारुविक्रम (Charuvikram)सुन्दर पराक्रम वाले
चंद्रपाल (Chandrapal)जो चंद्रमा को नियंत्रित करे
चिरंजीव (Chiranjeev)दीर्घजीवी, अमर
चंद्रप्रकाश (Chandraprakash)चंद्रमा द्वारा उत्सर्जित प्रकाश
धृतिमान (Dhritiman)धैर्यवान, तृप्त
देवाधिदेव (Devadhidev)देवताओं के देव
देवर्षि (Devarshi)दिव्य ऋषि
देवेश (Devesh)देवताओं के देवता
ध्रुव (Dhruv)अचल
ध्यानदीप (Dhyandeep)ध्यान और एकाग्रता के दिव्य पुरुष
दिगंबर (Digambar)जो आकाश को ही वस्त्र के रूप में पहने
दुर्धर्ष (Durdharsh)किसी से नहीं दबने वाले.
दुर्जय (Durjay)अजेय
दुर्वासा (Durvasa)जो कठिन जगह पर रहता हो
गिरिप्रिय (Giripriya)पर्वत प्रेमी
गजेंद्र (Gajendra)जिसने हाथी को जीत लिया हो
गणनाथ (Gannath)गणों के स्वामी
गिरिधन्वा (Giridhanwa)मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
गंगाधर (Gangadhar)जिसने गंगा को धारण किया हो
गिरिजापति (Girijapati)देवी पार्वती के पति
गिरीश (Girish)पर्वतों के देव
गुरुदेव (Gurudev)वह जो सभी प्राणियों का स्वामी हो
हर (Har)पापों व तापों को हरने वाले
जगदाधिज (Jagdadhij)ब्रह्मांड की शुरुआत में उत्पन्न होने वाले
जगदीश (Jagdish)विश्व के ईश्वर
जतिन (Jatin)जिसने बालों को उलझाया हो और अनुशासित हो
कैलाश (Kailash)कैलाश पर्वत पर रहने वाले देव
कैलाशनाथ (Kailashnath) कैलाश पर्वत के स्वामी
कलाधार्य (Kaladharya)जो अपने सिर पर अर्धचंद्र को सुशोभित करता है
कमलाक्षण (Kamlakshan)जिसके कमल जैसे नेत्र हों
कांता (Kanta)जो सुंदर हो
कृत्तिवासा (Krittivasa)गजचर्म पहनने वाले
ललाटाक्ष (Lalataksh)जिसके माथे पर सब कुछ देखने वाला नेत्र हो
लिंगाध्यक्ष (Lingashyaksh)सभी लिंगों के स्वामी
लोकपाल (Lokpal)जो विश्व के कल्याण का ध्यान रखता है
मदन (Madan)प्रेम के देवता
मधुकलोचन (Madhuklochan)लाल नेत्र वाले
महाबुद्धि (Mahabuddhi)जो अत्यंत बुद्धिमान हो
महादेव (Mahadev)प्रभु जो सबसे महान हैं
महाकाल (Mahakaal)सबसे शक्तिशाली भगवान
महासेनजनक (Mahasenjanak) कार्तिकेय के पिता
महाशक्तिमय (Mahashaktimay)वह जिसे प्रचुर शक्ति प्राप्त है।
महेश्वर (Maheshwar)महान ईश्वर
मृत्युंजय (Mrityunjay)जिसने मृत्यु को जीत लिया हो
नागभूषण (Nagbhushan)जो नाग को आभूषण के रूप में पहने
नटराज (Natraj)शिव की नृत्य की मुद्रा
नीलकंठ (Neelkanth)जिसका नीले रंग का गला हो
नित्यसुंदर (Nityasundar)जो हमेशा सुंदरता और चमक के साथ रहे
नियम (Niyam)अनुशासन
नीललोहित (Neellohit)नीले और लाल रंग वाले
पाशविमोचक (Pashvimochan)बंधन से छुड़ाने वाले
परशुहस्त (Parshuhast)हाथ में फरसा धारण करने वाले
पद्मगर्भ (Padmagarbh)कमल के आकार के पेट वाले
पूषदंतभित (Pushdantbhit)पूषा के दांत उखाड़ने वाले
पंचवक्त्र (Panchvakt)पाँच मुख वाले
प्रजापति (Prajapati)प्रजा का पालन करने वाले
परम (Param)सर्वोच्च
परमात्मा (Parmatma)तीनों लोकों के स्वामी
प्रमथाधिप (Prathadhip)प्रमथगणों के अधिपति
पुराराति (Purarati)पुरों का नाश करने वाले
परिवर्ध (Parivardh)प्रधान, रक्षा करने वाला
पशुपति (Pashupati)सभी प्राणियों के स्वामी
पतिखेचर (Patikhechar)सभी पक्षियों के स्वामी
पिनाकी (Pinaki)पिनाक धनुष धारण करने वाले
प्रणव (Pranav)जिसने ‘ओम’ की उत्पत्ति की
प्रियभक्त (Priyabhakt) जो सभी भक्तों से सार्वभौमिक रूप से प्यार करता है
पुष्कर (Pushkar)जो पोषण प्रदान करता है
रविलोचन (Ravilochan)जिसकी सूरज रूपी आँखें हों
रूद्र (Rudra)शिव का एक रूप
सदाशिव (Sadashiv) हमेशा प्रसन्न रहने वाला
सात्विक (Saatvik)सत्व गुण वाले
सर्वशिव (Sarvshiv)सदा शुद्ध
शर्व (Sharva)कष्टों को नष्ट करने वाले
शाश्वत (Shashvat)नित्य रहने वाले
शंभू (shambhu)आनंद का निवास
शंकर (Shankar)आनंद के परम दाता, शुभ
शूलपाणी (Shoolpani)हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
शूलीन (shoolin)त्रिशूल धारण करने वाले
श्रीकंठ (Shreekanth)सुंदर गले वाले
श्रीकांत (Shreekant)सुंदर शरीर वाले
सोमेश्वर (Someshwar)जो चंद्रमा के देव हों
सुखद (Sukhad)आनंद देने वाले
सुप्रीत (Supreet)सभी के प्रिय
स्वयंभू (Swayambhu)जो स्वयं उत्पन्न हुए हों
तारक (Tarak)सबको तारने वाले
त्रिलोकपति (Trilokpati)तीनो लोकों के स्वामी
त्रिपुरारी (Tripurari)त्रिपुर असुर के संहारक
त्रिशूलीन (Trishulin)त्रिशूल को धरने वाले
उमापति (Umapati)उमा यानी पार्वती के पति
उत्तरण (Uttaran)रक्षा करने वाले
वरद (Varad)वरदान देने वाले
विश्वेश्वर (Vishweshwar)सारे विश्व के ईश्वर
वीरभद्र (Veerbhadra)वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले
वृषांक (Vrishank)बैल के चिह्न वाली ध्वजा वाले
व्योमकेश (Vyomkesh) आकाश रूपी बाल वाले

कैसे हुई शिव जी के 108 नामों की उत्पत्ति

आओ जानते हैं कि शिव जी के 108 नाम की उत्पत्ति कैसे हुई इसके पीछे एक कथा है जो आपने भी सुनी होगी

भगवान शिव के नामों की उत्पत्ति के विषय में एक कथा प्रचलित है। इस पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा में थे जब उनकी नाभि से एक कमलयुक्त परमपिता ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई। इसके बाद कई वर्षों तक ब्रह्मा जी विष्णु जी के जागने की प्रतीक्षा करने लगे। एक दिन भगवान शिव अग्निमय ज्योतिर्लिंग के रूप में परमपिता के साथ प्रकट हुए तो ब्रह्मा जी ने उन्हें नमस्कार नहीं किया।

लेकिन तभी भगवान विष्णु जाग गए हैं और उन्हें प्रणाम किया। तब परमपिता को भगवान शिव के प्रताप से अवगत हुए। इसके बाद उन्होंने अपनी भूल मानी और शिव जी से क्षमा मांगी। इसके बाद भगवान शिव ने उन्हें सृष्टि के रचना का कार्यभार दिया और विष्णु जी को संसार के संचार करने को कहा। इस बात पर भगवान विष्णु ने कहा कि सृष्टि का नाश भी जरूरी है। तब भगवान शिव से खुद के ऊपर ये कार्यभार लेने का निर्णय लिया। ऐसे में भगवान ब्रह्मा ने शिवजी से कहा कि सृष्टि के आरंभ के पूर्व ही वह उन्हीं से उत्पन्न हो।

निष्कर्ष

आज आपने जाना भगवान शिव के नाम हिंदी में भगवान शिव के कितने नाम होते हैं आपको भगवान शिव के 108 नाम की जानकारियां यहां पर दी गई है तथा उन नाम के अर्थ क्या-क्या है उसके बारे में भी विस्तार से बताया गया है साथ ही आपको यह बताया गया है यदि आप अपनी बेबी बॉय का नाम भगवान शिव के नाम से रखना चाहते हैं तो आपके यहां पर बहुत सारे नाम की जानकारी तथा उनके अर्थ भी बताए गए हैं।

हम आशा करते हैं यह सभी जानकारियां आपके लिए लाभकारी होगी अन्य जानकारी के लिए हिंदी उपदेश की ऑफिशल पोर्टल पर सर्च करें धन्यवाद।

FAQ

भगवान शिव के कितने नाम है?

भगवान शिव के 108 नाम हैं।

शिव के इतने नाम क्यों हैं?

सद्गुरु कहते हैं, ”यौगिक परंपरा में, शिव को एक गुरु के रूप में पूजा जाता है, एक देवता के रूप में नहीं। जिसे हम शिव कहते हैं वह बहुआयामी है। वे सभी गुण जो आप कभी भी किसी में बता सकते हैं, शिव में बताए गए हैं। जब हम शिव कहते हैं, तो हम यह नहीं कह रहे हैं कि वे इस तरह के व्यक्ति हैं या उस तरह के व्यक्ति हैं।

शिव के 108 नाम का अर्थ क्या है?

आशुतोष
जो सभी इच्छाओं को तुरंत पूरा करते हैं

आदिगुरू
पहले गुरु

आदिनाथ
पहले भगवान

आदियोगी
पहले योगी

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